कानपुर में पुलिसकर्मियों पर गिरने लगी गाज: बिल्हौर के बाद घाटमपुर पुलिस चर्चां में आई...रिश्वत लेने में चार दरोगा समेत आठ निलंबित

घाटमपुर में तैनात पुलिस कर्मियों पर डीसीपी ने की कार्रवाई

कानपुर में पुलिसकर्मियों पर गिरने लगी गाज: बिल्हौर के बाद घाटमपुर पुलिस चर्चां में आई...रिश्वत लेने में चार दरोगा समेत आठ निलंबित

कानपुर, अमृत विचार। बिल्हौर में आढ़ती के बेटे को छोड़ने के एवज में दो दरोगाओं के 38 हजार रुपये लेने पर निलंबित की कार्रवाई को अभी 24 घंटे भी नहीं बीते थे, कि घाटमपुर में तैनात चार दरोगा समेत आठ पुलिस कर्मियों को डीसीपी दक्षिण रवींद्र कुमार ने कब्जेदारी के विवाद में एक पक्षीय कार्रवाई करने पर निलंबित कर दिया। 

इस कार्रवाई से महकमे में हड़कंप मचा पड़ा है। घाटमपुर में मामूली विवाद में एक पक्ष से दस हजार और दूसरे पक्ष से 40 हजार रुपये की आरोपियों ने न सिर्फ मांग की थी बल्कि रकम वसूली थी। आरोप ये भी था कि पुलिसकर्मियों ने कम साक्ष्यों में एक पक्षीय कार्रवाई की जिसकी जांच के आदेश दिए गए थे। 

जांच में आरोप सिद्ध होने पर उपनि जयवीर सिंह, उपनि संकित तौगड, उपनि आशीष चौधरी, उपनि शिवशरण शर्मा, मु आ प्रथम सिंह, आरक्षी जितेन्द्र, आरक्षी कुबेर सिंह, आरक्षी पंकज सिंह को निलंबित कर विभागीय जांच बैठा दी गई है। वहीं प्रभारी निरीक्षक और कार्यवाहक प्रभारी निरीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा गया है। 

पतारा गांव निवासी रामलखन तिवारी का वहीं के रहने वाले बेरिया से जमीन का विवाद चल रहा है। कुछ वर्ष पहले शिकायत की गई थी। जांच के दौरान जमीन की खतौनी बेरिया के नाम पर निकली थी, बेरिया ने पुलिस को बताया था कि उसने लगभग बीस वर्ष पहले केवड़िया गांव निवासी ओमप्रकाश यादव को एक प्लॉट का बैनामा किया था। 

जिसमें ओमप्रकाश ने डीपीसी भरवाने के साथ बाउंड्रीवॉल का निर्माण कार्य कराया था। करीब एक महीने से प्लॉट पर निर्माण कार्य जारी था। इसकी शिकायत रामलखन तिवारी ने 19 जुलाई को पुलिस अधिकारियों से की थी। जिसके बाद पतारा चौकी पुलिस ने दोनो पक्षों को चौकी में बुलाया गया। 

ओमप्रकाश ने चौकी पुलिस को बीस वर्ष पुराना जमीन का बैनामा दिखाया। चौकी पुलिस ने ओमप्रकाश से प्लॉट पर निर्माण कार्य बंद कराने को कहा था। देर रात ओमप्रकाश ने प्लॉट पर लेंटर डलवाना शुरू कर दिया। रामलखन तिवारी ने थाने में दी गई तहरीर में बताया कि वह मौके पर जाकर निर्माण कार्य रोकने लगे तो ओमप्रकाश ने उन्हें भगा दिया। 

उन्होंने पुलिस से शिकायत की तो पतारा चौकी पुलिस निर्माण कार्य रोकने पहुंची। इस दौरान निर्माण कर रहे लोगों ने पुलिस से अभद्रता कर वृद्ध के साथ मारपीट की। पुलिस ने वृद्ध की तहरीर पर आठ नामजद और बीस अज्ञात के खिलाफ मारपीट, बलवा समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की थी। 

इस मामले में डीसीपी दक्षिण रविंद्र कुमार ने बताया कि इस मामले में जांच कर रहे पुलिस कर्मियों ने दोनों पक्षों से रिश्वत मांगी थी। आरोपी पुलिसकर्मियों ने एक पक्षीय कार्रवाई कर घटना में बिना सत्यता जाने, बिना पर्याप्त साक्ष्य के आठ लोगों को जेल भेजा। इस पर चार दरोगा समेत आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।

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