कानपुर में जीएसवीएसएस PGI के बगल में बनेगा नया ट्रामा सेंटर, हैलट इमरजेंसी में लोड होगा कम, मिलेंगी ये सुविधाएं...
कानपुर, अमृत विचार। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के पीजीआई के बगल में ट्रामा सेंटर के लिए साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये मिल गए हैं। ट्रामा सेंटर का निर्माण होने से हैलट इमरजेंसी में जहां लोड कम होगा। वहीं, हादसों में घायल लोगों को एक ही छत के नीचे जांच व इलाज संभव होगा। यहां पर ब्लड बैंक भी बनेगा और मरीजों को मोबाइल ट्यूब सिस्टम की सुविधा मिलेगी।
हैलट में करीब 17 जिलों के मरीज इलाज के लिए आते हैं। एक्सीडेंटल केसों की भी भरमार रहती है। जिसमें तीमारदारों को बार-बार खून और खून की जांच के लिए दौड़ना पड़ता है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने एपेक्स ट्रामा सेंटर के संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा था, जिसपर शासन ने मोहर लगा दी है और ट्रामा सेंटर के लिए साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये का बजट जारी किया है।
ट्रामा सेंटर का निर्माण हैलट परिसर जीटी रोड की तरफ जीएसवीएसएस पीजीआई के बगल में किया जाएगा, जिसमे दो ग्राउंड फ्लोर और छह मंजिला इमारत होगी। जीएसवीएसएस पीजीआई के नोडल डॉ.मनीष सिंह ने बताया कि ट्रामा सेंटर में ऊपर तल पर सौ बेड का आईसीयू और 14 मॉड्यूलर ओटी की सुविधा होगी।
ट्रामा सेंटर के अंदर ही पैथोलॉजी और ब्लड बैंक का भी निर्माण किया जाएगा। यहां पर मोबाइल ट्यूब सिस्टम की मदद से मरीज का ब्लड सीधे ट्यूब में डाला जाएगा, जो अपने आप लैब में जांच के लिए चला जाएगा। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि कुछ प्रक्रिया पूरी होने के बाद ट्रामा सेंटर का निर्माण शुरू कराया जाएगा।
वैक्यूम से ट्यूबों का नेटवर्क होगा संचालित
डॉ.मनीष सिंह ने बताया कि ट्यूब सिस्टम से ब्लड सैंपल पैथोलॉजी लैब भेजे जाएंगे। अभी संबंधित स्टाफ या तीमारदार मरीज का सैंपल लेकर पैथोलॉजी में जांच कराने जाते है। ट्यूब सिस्टम एक तकनीकी उपकरण है, जिसमें बेलनाकार कंटेनर (वाहक) को कंप्रेस्ड एयर या वैक्यूम से ट्यूबों के एक नेटवर्क के माध्यम से संचालित किया जाएगा, जिसके बॉक्स बनाए जाएंगे।
इसके जरिए ब्लड सैंपल, आइवी फ्लूड व जांच रिपोर्ट आदि ट्यूब सिस्टम से भेजे जा सकते हैं। इस तकनीक की मदद से मरीजों की रिपोर्ट आने में भी समय नहीं लगेगा। न ही सैंपल जमा करने के लिए भटकना और लंबी लाइन में लगना पड़ेगा। लगने वाली ट्यूब यूज एंड थ्रो की तरह होगी।