Etawah: नदी में छलांग लगाने वाले किसान का 24 घंटे बाद उतराता मिला शव; परिजनों में कोहराम, मृतक ने कर्ज से परेशान होकर दी जान

Etawah: नदी में छलांग लगाने वाले किसान का 24 घंटे बाद उतराता मिला शव; परिजनों में कोहराम, मृतक ने कर्ज से परेशान होकर दी जान

सैफई (इटावा), अमृत विचार। बिलंदा पुल से रामगंगा नदी में छलांग लगाने वाले किसान का शव 24 घंटे बाद रकुईया पुल हवाई पट्टी के पास उतराता हुआ नहर में सोमवार को मिला। सूचना पर पहुंची पुलिस थाना पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम कराया।

मालूम हो नगला मठिया गांव निवासी ईश्वर दयाल 50 वर्षीय पुत्र गोपीचंद रविवार सुबह आठ बजे घर में खेत जाने की बात कहकर निकला था। गांव के पास से निकली रामगंगा नदी के बिलंदा पुल के पास साइड से सीढियों से नीचे उतरते देखकर दो युवक संदेह होने पर उसके पीछे गए, परंतु उनके पहुंचने से पूर्व ही किसान ने नदी में छलांग लगा दी थी। 

किसान के नदी में छलांग लगाते ही वहां पर अफरा तफरी मच गई, परंतु राम गंगा नदी के उफान में होने से लोग नदी के आगे विवश हो गए। सूचना 112 पुलिस को दी गई। सैफई थाना प्रभारी कपिल दुबे हवाई पट्टी पुलिस चौकी इंचार्ज विवेक के साथ पहुंचे थे। घटनास्थल मैनपुरी जिले के कुर्रा थाना क्षेत्र का था, जिस पर कुर्रा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और खोजबीन शुरू की गई। 

लेकिन देर रात तक कोई पता नहीं चल सका था। लेकिन स्वजन लगातार खोजबीन में लगे थे। सोमवार को किसान के गांव के रिंकू व भूरे सिंह रकुईया पुल सैफई हवाई पट्टी के पास खोजबीन में लगे हुए थे। तभी रकुइया नहर पुल से 100 मीटर दूरी पर एक शव उतराता हुआ दिखाई दिया। स्वजनों के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए और पुलिस भी सूचना पर हवाई पट्टी चौकी इंचार्ज विवेक पहुंचे। 

शव को बाहर निकलवाकर उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में बने शव ग्रह में रखवाया गया। जहां थाना पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम कराया। बताया गया कि किसान कर्ज से परेशान था। उसका 35 वर्षीय बड़ा बेटा कैंसर की बीमारी से लड़ते हुए जिंदगी की जंग हार चुका था। बड़े बेटे के इलाज के दौरान काफी कर्ज हो गया था, जिससे वह परेशान रहता था।

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