UP News: दुबई की तर्ज पर चमकेगा लखनऊ, 250 किलोमीटर की परिधि में सिमट आएगी दुनिया

UP News: दुबई की तर्ज पर चमकेगा लखनऊ, 250 किलोमीटर की परिधि में सिमट आएगी दुनिया

अमृत विचार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को विश्वस्तरीय शहर बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। शहर को दुबई की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने योजना का ब्लू प्रिंट देखकर अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। महानगर का यह विकास लखनऊ के बाहरी रिंग में होगा। इसमें पहले से विकसित कालोनियों, बहुमंजिला इमारतों, अस्पतालों के साथ छेड़खानी नहीं होगी। हालांकि, कुछ के रूप में बदलाव जरूर हो सकता है।

रिंगवाइस विकास को कुछ इस तरह समझिए
राजधानी लखनऊ में शहर के आउटर चक्र (रिंग) शहीद पथ है। इसी के समानान्तर किसान पथ तैयार हो रहा है। इसी के साथ तीसरा रिंग या चक्र विज्ञान पथ का होगा। किसान पथ और विज्ञान पथ के बीच ग्लोबल लखनऊ विकसित किया जाएगा। अभी शहीद पथ एक पूरे रिंग के रूप में नहीं है। यह चिनहट से लेकर कानपुर रोड तक करीब 23 किलोमीटर की दूरी का है। शहीद पथ की परिधि के समानान्तर ही किसान पथ की योजना पर काम चल रहा है। पूरा यह पथ 104 किलोमीटर का होगा। अब आता है तीसरा रिंग। इसके तहत किसान पथ के समानान्तर 250 किलोमीटर की परिधि में विज्ञान पथ तैयार होगा। विकास की जो कार्य योजना बुनी गई है वह किसान पथ और विज्ञान पथ के बीच में होगी। इस क्षेत्र को 20 बराबर टुकड़ों में बांटा जाएगा। हर टुकड़े की लंबाई लगभग 30 किलोमीटर की होगी। इसकी चौड़ाई विज्ञान पथ की ओर से 20 किलोमीटर और किसान पथ की ओर से 18 किलोमीटर होगी।

कुछ यूं सामने आई कार्ययोजना
लखनऊ के विकास की पूरी कार्य योजना को डॉ. शीलवंत सिंह ने अपनी नई पुस्तक "योगी सरकार, अब नहीं रुकेगा उत्तरप्रदेश" में बताया है। डॉ. शीलवंत सिंह ने बताया कि योजना बहुत बड़ी है इसलिए इसे बहुत सावधानी के साथ लक्ष्य निर्धारित करते हुए समयबद्ध योजना के साथ पूरा किया जाएगा। आजादी के 100 साल पूरे होने के साथ 2047 में यह योजना पूरी तरह से जमीन पर उतर आएगी और लखनऊ दुबई की तरह ग्लोबल सिटी में बदल चुका होगा।

ग्लोबल विकास का खाका- 20 टुकड़ों में 20 योजनाएं

-किसान पथ और विज्ञान पथ के बीच में विकसित होने वाले 20 टुकड़ों में 20 योजनाएं फलीभूत होंगी। हर योजना अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड की होगी।
-एक टुकड़े में आईटी सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क की स्थापना की जाएगी। दूसरे में विश्वस्तरीय शैक्षिक संस्थान एवं प्रशिक्षण अनुसंधान केन्द्र बनेगा। तीसरे में अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स एवं स्पोर्ट्स उत्पाद केंद्र बनाया जाएगा।
-चौथे टुकड़े में प्रदेश के जीआई टैग उत्पाद और उनके विपणन प्रबंधन व संवर्धन केंद्र बनेंगे। पांचवें में ओडीओपी उत्पाद और उनके विपणन, प्रबंधन और संवर्धन केंद्र होंगे। छठे में टीवी, फ्रिज,एसी, वाशिंग मशीन, कम्प्यूटर और एलईडी बल्ब के कारखाने लगेंगे।
-सातवें हिस्से में विश्वस्तरीय पर्यावरण अनुकूल आवासीय परिसर होगा। आठवें में विश्वस्तरीय पर्यावरण अनुकूल कारपोरेट कार्यालय परिसर होगा।
-नवें हिस्से में प्रदेश की प्रशासनिक, कानूनी, नागरिक और राजनीतिक व्यवस्था का केन्द्र बनेगा। 10वें हिस्से में विज्ञान एवं तकनीकी विकास, संवर्धन, प्रबंधन, प्रशिक्षण अनुसंधान और विकास केंद्र विकसित किया जाएगा। 11वें हिस्से में ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री और विपणन प्रबंधन केंद्र स्थापित किया जाएगा।
-12वें हिस्से में आपदा प्रबंधन अनुसंधान विकास और प्रशिक्षण केंद्र बनेगा। 13वें हिस्से में वैश्विक परिवहन आधारित उद्योग व्यापार केंद्र तैयार किया जाएगा। 14वें हिस्से में विद्युत उपकरण निर्माण इकाइयां तथा ऊर्जा संवर्धन उत्पादन प्रतिष्ठान बनाये जाएंगे। 15वें हिस्से में कृषि आधारित उद्योग एवं खाद्य प्रसंस्करण उत्पाद एवं कृषि उपकरण उत्पाद केंद्र बनाए जाएंगे।
- 16वें हिस्से में विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं और चिकित्सकीय उपकरण का उद्योग स्थापित होगा। 17वें हिस्से में कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित उत्पाद उद्योग हब बनाया जाएगा। 18वें हिस्से में लखनऊ के लघु, कुटीर एवं हस्तशिल्प उत्पाद, उद्योग, व्यापार विपणन केंद्र बनाए जाएंगे। 19वें हिस्से में इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण के निर्माण का उद्योग केंद्र बनेगा।
- 20वें हिस्से में एडवांस केमिस्ट्री, सेल, बैटरी एवं सोलर पैनल, टेलीकॉम और टेली नेटवर्किंग उत्पाद केंद्र तैयार किये जायेंगे।

यह भी पढ़ेः तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार लीग के सबसे महंगे खिलाड़ी, इकाना स्टेडियम में होंगे मैच