‘इंडिया’ गठबंधन के कई सदस्यों ने जगन के प्रदर्शन का किया समर्थन, तेदेपा ने बताया ‘नाटक’ 

‘इंडिया’ गठबंधन के कई सदस्यों ने जगन के प्रदर्शन का किया समर्थन, तेदेपा ने बताया ‘नाटक’ 

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश में कथित राजनीतिक हिंसा के खिलाफ वाईएसआरसीपी प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी के दिल्ली में प्रदर्शन को बुधवार को उस वक्त अप्रत्याशित रूप से समर्थन मिला, जब ‘इंडिया’ गठबंधन के कई सदस्यों और अन्नाद्रमुक नेताओं ने उनके साथ एकजुटता व्यक्त की। राज्य में सत्तारूढ़ और केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के घटक दल तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के आरोपों को ‘‘फर्जी नाटक’’ करार देते हुए खारिज किया। रेड्डी ने यहां जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। 

उन्होंने अपने प्रदर्शन का कारण हाल के चुनाव के बाद आंध्र प्रदेश में ‘‘कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति’’ को बताया। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं संजय राउत और प्रियंका चतुर्वेदी, तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक और अन्नाद्रमुक के एम. थंबीदुरई उन लोगों में शामिल रहे जिन्होंने आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी के कार्यकर्ताओं पर कथित हमलों की निंदा की। यादव ने कहा, ‘‘यदि मैंने तस्वीरें और वीडियो न देखे होते तो मुझे सच्चाई का पता नहीं चलता। सत्ता में बैठे लोगों को सादगी बनाए रखनी चाहिए, दूसरों की बात सुननी चाहिए।’’ राउत ने स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए कहा, ‘‘विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हुए हमलों की स्वतंत्र जांच के लिए एक विशेष टीम आंध्र प्रदेश भेजी जानी चाहिए।’’ 

थंबीदुरई ने तमिलनाडु की स्थिति से तुलना करते हुए दावा किया, ‘‘200 दिन में तमिलनाडु में 595 लोग मारे गए। वहां कानून-व्यवस्था की यही स्थिति है। इस तरह की क्रूरता हो रही है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अत्याचारों के कारण कई लोग मारे गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम केंद्र सरकार से कार्रवाई करने का अनुरोध कर रहे हैं। इस तरह के अत्याचार, चाहे आंध्र प्रदेश हो या तमिलनाडु, बंद होने चाहिए।’’ हक और चतुर्वेदी समेत कई नेताओं ने आंध्र प्रदेश के राज्यपाल और उच्चतम न्यायालय से इस मामले पर ध्यान देने का आग्रह किया। इसके जवाब में तेदेपा सांसदों ने संवाददाता सम्मेलन किया और जगन मोहन रेड्डी पर ‘‘भटकाव की राजनीति’’ करने का आरोप लगाया। पार्टी सांसद बी नागराजू ने कहा, ‘‘जगन ध्यान भटकाने की राजनीति करने दिल्ली आए हैं। जगन सरकार अपने कार्यकाल के दौरान तेदेपा सदस्यों पर हिंसा में लिप्त थी।’’ उन्होंने रेड्डी से दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने के बजाय आंध्र प्रदेश विधानसभा में मुद्दे उठाने का आग्रह किया। तेदेपा के एक अन्य सांसद बायरेड्डी शबरी ने संसद सत्र के दौरान प्रदर्शन के समय पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘बजट के दौरान ऐसी स्थिति में, क्या प्रदर्शन करना उचित है? उन्होंने यहां कभी कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया, वह हमेशा आपराधिक गतिविधियों में शामिल अपने सदस्यों को बचाने के लिए आते हैं।’’ तेदेपा सांसद डी प्रसाद राव ने रेड्डी के दावों का खंडन करते हुए कहा, ‘‘जगन जो कह रहे हैं वह सब झूठ है। ऐसी कोई हिंसा नहीं हुई है।’’ 

उन्होंने पूर्ववर्ती वाईएसआरसीपी सरकार पर आरोप लगाया कि उसके कार्यकाल के दौरान ‘‘हत्या और बलात्कार की हजारों घटनाएं’’ हुईं। राजनीतिक तनाव बढ़ने के बीच तेदेपा सांसद अप्पाला नायडू कालिसेट्टी ने रेड्डी से ‘‘विपक्ष के नेता के रूप में रचनात्मक रूप से काम करने और राज्य के विकास के लिए विधानसभा में सुझाव देने एवं चर्चा करने’’ का आग्रह किया। वाईएसआरसीपी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा नहीं है। 

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