Kanpur: बजट में लॉन्ग व शार्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स में बढ़ोत्तरी; शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड्स से कमाई पर जेब करनी होगी ढीली
कानपुर, अमृत विचार। आर्थिक विशेषज्ञ राजीव सिंह के अनुसार कैपिटल गेन टैक्स में बढ़ोतरी का ऐलान बड़े निवेशकों के लिए तो घाटे का सौदा है, लेकिन रिटेल निवेशकों के लिए फायदेमंद है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर पहले 1 लाख रुपये तक की कमाई पर टैक्स नहीं देना होता था, जो अब बढ़कर 1.25 लाख रुपये हो गया है। कानपुर में करीब 3 लाख रिटेल निवेशक हैं, जिन्हें पहले 1 लाख तक के लांग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स नहीं देना होता था, अब 1.25 लाख के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स नहीं देना होगा। इस प्रकार हर निवेशक को 2500 रुपये टैक्स बचेगा।
अगर 3 लाख रिटेल निवेशकों के नजरिये से देखें तो उन्हें करीब 75 करोड़ रुपये का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स बचेगा। उदाहरण के तौर पर शेयर या इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश पर पहले 1 लाख तक का प्राफिट बुक करने में शून्य लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होता था, जबकि 1.25 लाख प्रॉफिट बुक करते है 25 हजार का 10 प्रतिशत यानि 2500 रुपये टैक्स देना पड़ता। बदलाव के बाद 1.25 लाख का प्राफिट बुक करने पर शून्य टैक्स देना होगा। हालांकि इसे देखने का दूसरा नजरिया भी है, जिसमें 1.25 लाख से ज्यादा प्राफिट बुक करने पर टैक्स बढ़ जाएगा।
सट्टेबाजी रोकने को फ्यूचर एंड ऑप्शंस ट्रेडिंग में टैक्स बढ़ाया
वायदा ऑप्शन के बिक्री पर सिक्योरिटीज ट्रांसक्शन टैक्स (एसटीटी) को 0.0625 से बढ़ाकर 0.1 प्रतिशत कर दिया गया है। वायदा की बिक्री पर सिक्योरिटीज ट्रांसक्शन टैक्स (एसटीटी) को 0.0125 से बढ़ाकर 0.02 प्रतिशत कर दिया गया है। फ्यूचर एंड ऑप्शंस में सट्टेबाजी को काबू करने के लिए यह बढ़ोतरी की गई है। सरकार शेयर बाजार में सट्टेबाजी को हतोत्साहित कर वेल्थ क्रिएशन को बढ़ावा देना चाहती है।
कैपिटल एक्सपेंडिचर पर फोकस जारी
अंतरिम बजट में अब तक के उच्चतम कैपिटल एक्सपेंडिचर 11.11 लाख करोड़ का ऐलान हुआ था, जिसे जारी रखा गया है। सरकार अगर 1 रुपये का कैपिटल एक्सपेंडिचर करती है तो 6 से 8 रुपये तक जीडीपी बढ़ता है।