UP STF: प्रश्नपत्र लीक मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार, 4 महीने से तलाश रही थी एसटीएफ

UP STF: प्रश्नपत्र लीक मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार, 4 महीने से तलाश रही थी एसटीएफ

लखनऊ,अमृत विचार। यूपी एसटीएफ ने सिपाही भर्ती परीक्षा प्रश्नपत्र लीक कराने के मामले में तीन आरोपियों को गोरखपुर से गिरफ्तार किया है। गिरफ्त में आए आरोपी परीक्षा केंद्रों में बायोमैट्रिक के माध्यम से साल्बरों को परीक्षा कक्ष में प्रवेश कराते थे और अभ्यर्थियों की परीक्षा कराते थे।

इन तीनों की शिनाख्त पूर्व में गिरफ्तार हुए आरोपियों से पूछताछ में हुई थी, तभी से एसटीएफ इन आरोपियों की तलाश कर रही थी। गिरफ्तार आरोपियों में पंकज कुमार सिन्हा, अमरेंद्र भारती व धनंजय मौर्या शामिल हैं। डीएसपी डीके शाही ने बताया कि पंकज कुमार सिन्हा एवं अन्य से पूछताछ में पता चला कि पंकज को इनोवेटिव कंपनी से संबंधित सुधीर विश्वाटेक द्वारा विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर बायोमेट्रिक कराने के लिए मैनपावर का टेंडर मिला था।

इनके साथियों ने तभी योजना बनाकर यह निश्चित किया था कि जिस भी अभ्यर्थी की जगह साल्वर को बैठायेंगे, उस केन्द्र पर अभ्यर्थी की ही ड्यूटी बायोमेट्रिक में लगा देंगे। जिससे जब साल्वर परीक्षा केन्द्र पर प्रवेश करेगा तब साल्वर की जगह अभ्यर्थी अपना फिंगर प्रिन्ट लगकार साल्वर को अंदर भेज देगा। इससे परीक्षा के अगले चरणों में फिंगर प्रिन्ट अभ्यर्थी के प्रमाणित हो सके। 

यह अपने साथियों के साथ मिलकर दिनांक 17 फरवरी 2024 को परीक्षा केन्द्र इस्लामिया कालेज आफ कामर्स, बख्शीपुर, गोरखपुर से मूल अभ्यर्थी के स्थान पर साल्वर अंजनी कुमार उर्फ मनीष सिंह (कुरवा चैनपुर, सिंधियाघाट स्टेशन, पूर्व मध्य रेलवे स्टेशन मास्टर) दुर्गेश यादव उर्फ अंकित के स्थान पर परीक्षा देने के लिए भेजा था।

 इनके साथियों के संबंध में विवेचना चल रही है तथा साक्ष्य एकत्रित किया जा रहा है। डीके शाही ने बताया कि बिहार के साल्वर गैंग से इसकी और इसके साथियों की पुरानी जान-पहचान है। पहले भी कई परीक्षाओं में साल्वर बैठा चुके है।
पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्तों की पूछताछ में हुआ खुलासा

डीके शाही ने बताया कि 17 फरवरी 2024 को परीक्षा केंद्र इस्लामिया कॉलेज ऑफ कामर्स बख्शीपुर, गोरखपुर से मूल अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहे साल्वर मनीष सिंह उर्फ अंजनी परीक्षार्थी दुर्गेश यादव के स्थान पर परीक्षा देते हुए पकड़ा गया था। 

अभ्यर्थी दुर्गेश यादव बायोमैट्रिक कम्पनी का आई कार्ड लगा कर डियूटी करते हुए गिरफ्तार हुआ था। दुर्गेश के खिलाफ कोतवाली गोरखपुर में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मुकदमे में संबंधित वांछित अभियुक्त आकाश राव को 16 अप्रैल 2024 को गिरफ्तार किया गया था। उसने पूछताछ में बताया था कि वह बायोमैट्रिक कंपनी का फील्ड मैनेजर था। 

उसने ही परीक्षार्थी दुर्गेश यादव बायोमैट्रिक एजेंसी का आईकार्ड बनाकर दिया था तथा परीक्षा केंद्र के गेट पर इसकी ड्यूटी लगा दी थी। साल्वर मनीष सिंह के आने पर इसने दुर्गेश यादव का अंगूठा लगाकार मनीष सिंह परीक्षा केंद्र के अंदर कर दिया था। आकाश राव ने बताया था कि यह सब मैने पंकज कुमार सिन्हा, अमरेंद्र भारती व धनंजय मौर्या के कहने पर किया था।

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