रुद्रपुर: अधिवक्ता गोलीकांड का फरार शूटर मुराद गिरफ्तार
रुद्रपुर, अमृत विचार। अधिवक्ता प्रशांत गोलीकांड का पर्दाफाश करते हुए एसओजी और कोतवाली पुलिस ने फरार चल रहे ईनामी शूटर मुराद को गिरफ्तार कर लिया, जबकि दूसरे आरोपी को जल्द बी वारंट पर लाने की तैयारी पूर्ण कर ली है। खुलासे में बताया कि अधिवक्ता पर गोलीकांड की वारदात यूके में बैठे सरगना के आदेश पर हुई थी।
सोमवार को खुलासा करते हुए एसएसपी मंजूनाथ टीसी, एसपी क्राइम चंद्रशेखर घोडके, एसपी सिटी मनोज कत्याल और सीओ सदर निहारिका तोमर ने बताया कि 27 जून की दोपहर को सुनार गली गदरपुर निवासी अधिवक्ता प्रशांत सिंह पर बाइक सवार दो युवकों ने गोली मारकर घायल कर दिया था। प्रारंभिक तफ्तीश में पता चला कि गोलीकांड के बाद यूके में बैठे सहज विर्क ने घटना की जिम्मेदारी ली और बगवाड़ा चौकी निवासी महफूज को व्हाटसअप कॉल कर 15 लाख की फिरौती की मांग की थी।
मामला अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टर का निकलने के बाद पुलिस ने रेकी करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार कर दिया था, जबकि शूटर सुलेमान अंसारी ने विगत दिनों रामपुर अदालत में आत्मसमर्पण कर लिया था। दूसरा शूटर मुराद फरार चल रहा था। 14 जुलाई को मिली सूचना के आधार पर पुलिस व एसओजी की टीम ने ग्राम बमनपुरा थाना खजुरिया रामपुर यूपी निवासी मुराद खां को गिरफ्तार कर लिया और उसके कब्जे से 315 बोर का तमंचा व दो जिंदा कारतूस भी बरामद किए, जबकि आत्मसमर्पण करने वाला सुलेमान को बी वारंट में लाने का आवेदन पुलिस ने लगा दिया है। पुलिस ने पकड़े गए आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया है।
यूके में बैठे सहज ने ही दी थी धमकी
बिलासपुर यूपी का रहने वाले सहज विर्क पर जब पुलिस का शिकंजा बढ़ा तो वह दस्तावेज बनाकर यूके चला गया। जहां उसने उत्तराखंड और यूपी में फिरौती गैंग बनाने व बड़ा गैंगस्टर बनने का सपना देखा। जी हां सहज विर्क की योजना का खुलासा खुद गिरफ्तार मुराद ने किया। शूटर मुराद ने बताया कि गोली कांड को अंजाम देने के दूसरे दिन सहज ने ही यूके से बैठ कर महफूज को व्हाटस पर कॉल की और फोन कर 15 लाख की फिरौती नहीं देने पर अंजाम भुगतने की धमकी थी। मुराद ने ऑडियो सुनकर इसकी पुष्टि भी की है।
गोलीकांड का मिला था कांटेक्ट
अधिवक्ता प्रशांत को जान से मारने नहीं, बल्कि घायल करने का आदेश यूके में बैठे सहज ने ही दिया था। पूछताछ में शूटर मुराद ने बताया कि अधिवक्ता व सहज के बीच लंबे समय से लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था और गोलीकांड को अंजाम देने का आदेश भी सहज का था। उसने अपने दोस्त के जरिए वार्ता की और वारदात को अंजाम देने का कांटेक्ट दिया। जिसके बाद 27 जून को अधिवक्ता को सिर्फ घायल ही किया था।
आधुनिक तकनीक का करता है सहज इस्तेमाल
फिरौती गैंग बनाकर सरगना बनने का सपना देख रहा सहज विर्क ने गोलीकांड को अंजाम देकर अपना पहला ट्रायल किया था। खास बात यह है कि यूके में बैठा सहज फिरौती गैंग बनाने और वारदात को अंजाम देने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करता है। सहज अक्सर ज्यादातर अपने गुर्गों से व्हाटसअप या फिर इंस्ट्राग्राम पर ही बातचीत करता था। गोली कांड प्रकरण में भी वंशदीप से सहज ने व्हाटसअप पर ही बातचीत की थी।