रुद्रपुर: अपमान का बदला लेना चाहता था हत्यारोपी धर्मेंद्र कुमार, हाथापाई के बाद बना डाली थी हत्याकांड की कहानी

रुद्रपुर: अपमान का बदला लेना चाहता था हत्यारोपी धर्मेंद्र कुमार, हाथापाई के बाद बना डाली थी हत्याकांड की कहानी

रुद्रपुर, अमृत विचार। किच्छा कोतवाली के फार्म धाधा फार्म में हुए चौकीदार चरण हत्याकांड को अंजाम देने से पहले मोबाइल विवाद में हाथापाई होने का मामला सामने आया है। बताया कि मृतक के बेटे व मृतक ने हत्यारोपी के साथ हाथापाई की थी। इसी वक्त धर्मेंद्र ने अपने अपमान का बदला लेने की ठान ली और निर्मम हत्याकांड को अंजाम दे डाला।

थाना प्रभारी धीरेंद्र कुमार ने बताया कि पूछताछ में हत्यारोपी धर्मेंद्र ने बताया कि 19 अक्टूबर को चौकीदार चरण के बेटे सूरज कुमार के साथ वह पालेज गया था। अत्यधिक शराब का सेवन करने के बाद सूरज ने खाना बनाया और खाना खाने के बाद वह मचान पर सोने चले गए। इस बीच सूरज उसका 25000 कीमत का मोबाइल छीनने की कोशिश करने लगा। धक्का-मुक्की होने के बाद जब चौकीदार चरन उठा और बेटे की तरफदारी करते हुए दोनों ने हाथापाई कर अपमानित किया।

उसी वक्त उसने हत्या करने की योजना बना डाली। उन्होंने बताया कि जब सूरज बाइक से घर चला गया था। वह झाड़ियों में छिपकर मौके की तलाश में था और मौका मिलते ही सब्बल से सूरज के पिता चरण सिंह की पीट-पीट कर हत्या कर दी। हत्या को हादसा दिखाने के उद्देश्य से शव को पालेज के पीछे छिपा दिया। ताकि किसी जंगली जानवर द्वारा मारने और खींचकर ले जाने जैसा प्रतीत हो। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद वह पैदल ही गांव शहदौरा के लिए निकल पड़ा।

शराब पीकर खो देता है धर्मेंद्र आपा

किच्छा पुलिस की प्रारंभिक पड़ताल में यह बात सामने आई है कि शराब पीने के बाद हत्यारोपी धर्मेंद्र कुमार अपना आपा खो बैठता है। इसकी पुष्टि हत्यारोपी धर्मेंद्र की पत्नी ने की। उन्होंने बताया कि जब भी धर्मेंद्र अत्यधिक शराब का सेवन कर लेता है और मारपीट पर उतारू हो जाता है। जिस कारण वह सितारगंज अपने मायके में रहती है और पति वर्ष 2007 में सितारगंज से हत्या के प्रकरण में जेल भी जा चुका है।

सूरज था निशाना, चरण बना शिकार

प्रारंभिक पड़ताल में जिस वक्त धर्मेंद्र कुमार और सूरज कुमार का मोबाइल छीनने को लेकर विवाद हुआ था और उस वक्त धर्मेंद्र का मोबाइल होने के बाद भी पिता-पुत्र ने मिलकर उसके साथ हाथापाई की। विवाद के बाद सूरज की वहीं पर सोने की योजना थी। विवाद के बाद सूरज अचानक उठा और बाइक से अपने घर चला गया, लेकिन धर्मेंद्र पर बदला लेने का जुनून था और वह सूरज की ही हत्या करना चाहता था, लेकिन उसकी आपराधिक सोच ने उसके पिता को अपना शिकार बना दिया।

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