Kanpur: सिर्फ नाम का चला चेकिंग अभियान, खानापूर्ति कर चले गए साहबान; सिर्फ कुछ मार्गों पर ही हुई अराजक स्कूली वाहनों की धरपकड़

Kanpur: सिर्फ नाम का चला चेकिंग अभियान, खानापूर्ति कर चले गए साहबान; सिर्फ कुछ मार्गों पर ही हुई अराजक स्कूली वाहनों की धरपकड़

कानपुर, अमृत विचार। हजारों खटारा वाहनों में नौनिहालों को घर से स्कूल और स्कूल से घर ले जाने वाले वाहनों की धरपकड़ के लिए आरटीओ की टीम ने खानापूर्ति करने वाला अभियान चलाया। कई वाहनों को सीज कर दिया गया जबकि कई वाहनों के चालान किये गये। हालांकि ये अभियान कुछ ही मार्गों पर चलाया गया जबकि अन्य मार्गों पर डग्गामार वाहन धड़ल्ले से दौड़ते रहे। इससे नतीजा सिफर रहा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेशभर में सोमवार को स्कूली वाहनों की चेकिंग हुई। कानपुर में भी आरटीओ राकेंद्र कुमार सिंह, आरटीओ विदिशा सिंह के दिशा निर्देश पर एआरटीओ प्रवर्तन अंबुज भास्कर, आरके वर्मा, कहकशां खातून ने विभिन्न मार्गों की घेराबंदी करके अभियान चलाया जिसमें कई प्राइवेट वाहन डग्गामारी करते हुए पकड़ गए। ऐसे वाहनों की सीज कर दिया गया जबकि कई वाहनों का चालान किया गया। ये अभियान कुछ ही रूटों पर चला।

सभी स्कूल, कालेज प्रबंधन को नोटिस

कानपुर नगर के सभी स्कूलों के प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया है कि उनके स्कूल कालेज में कितने स्कूली वाहन हैं, उनकी फिटनेस हुई है या नहीं, ये स्कूली वाहन मानकों पर खरा उतरते हैं या नहीं। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन आलोक कुमार ने बताया कि स्कूलों को नोटिस इश्यू की गई है, कोई स्कूल प्रबंधन ये कहकर नहीं बच सकता है कि अभिभावक स्वयं के संसाधन से बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल परिसर में बच्चों के आते ही स्कूल की जिम्मेदारी शुरु हो जाती है। यदि डग्गामार वाहन दौड़ रहे हैं तो इसके लिए स्कूल को कसूरवार माना जाएगा। 

हजारों स्कूली वाहन बिना फिटनेस दौड़ रहे 

शहर में हजारों की संख्या में स्कूली वाहन (विशेष तौर पर वैन) दौड़ रहे हैं जिनका फिटनेस से दूर दूर तक कोई नाता नहीं है। कई ऐसे वाहन हैं जिनका पंजीयन तक नहीं है, ई रिक्शा कितनी सुरक्षित है, ये सबको पता है लेकिन उसके बाद भी ई रिक्शा पर दस दस बच्चे स्कूल ले जाये जा रहे हैं। कई स्कूली वाहनों में एलपीजी लगी है लेकिन न तो ऐसे वाहनों की एलपीजी आरटीओ से पास है और न तो उसकी कभी मानीटरिंग होती है। जब शासन से सख्ती होती है तो दो-चार दिन अभियान चलाकर फोटो खिंचवा ली जाती है, नतीजा ढाक के तीन पात ही रहता है। एआरटीओ प्रशासन आलोक कुमार का कहना कि फिटनेस कैंप लगाया जाएगा और उनकी फिटनेस करने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। 

स्कूली वाहनों के मानक 

-पीले रंग का स्कूली वाहन होना चाहिए
-वाहन के चारों ओर 18 इंच लंबा, 8 इंच चौड़ा स्कूल के नाम का बोर्ड लगा होना चाहिए।
-वाहन के स्टेयरिंग साइड में वाहन के दरवाजे पर चालक का मोबाइल नंबर और नाम होना चाहिए।
-वाहन के अंदर एक कंडक्टर गेट पर होना चाहिए जिसके पास सीटी होना चाहिए। 
-कंडक्टर की ड्यूटी में शामिल है कि वह बच्चे को वाहन से उतारने के बाद घर तक छोड़े।
-वाहन की स्पीड भी 40 किमी प्रतिघंटा से अधिक नहीं होना चाहिए। 

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