लखनऊ : क्राइम कंट्रोल करने वाली UP पुलिस में नौकरी करते पकड़े गए 34 जालसाज, फिर जो हुआ-जानकर रह जाएंगे हैरान

लखनऊ : क्राइम कंट्रोल करने वाली UP पुलिस में नौकरी करते पकड़े गए 34 जालसाज, फिर जो हुआ-जानकर रह जाएंगे हैरान

विनय शुक्ला, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) विभाग, जिस पर राज्य की कानून-व्यवस्था बनाए रखने धोखाधड़ी, जालसाजी रोकने के साथ हर तरह का क्राइम कंट्रोल करने की जिम्मेदारी है। उसी विभाग को जालसाजों ने गच्चा दे दिया है। फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सहारे वे पुलिस की नौकरी भी पा गए। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की जांच में 34 पुलिसकर्मियों का ये फर्जीवाड़ा सामने आया है। बोर्ड ने न सिर्फ उन्हें नौकरी से बर्खास्त किया, बल्कि उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया है। 

दरअसल, फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के माध्यम से यूपी पुलिस में भर्ती होने वाले जालसाजों के खिलाफ उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने शिंकजा कसना शुरु कर दिया है। बोर्ड ने नवम्बर 2022 से 27 जून वर्ष 2024 तक, ऐसे 34 जालसाज पुलिसकर्मियों को चिन्हित किया, जो फर्जीवाड़ा करके नौकरी में आए थे। दस्तावेजों की जांच में उनका कारनामा उजागर हो गया। पुलिस भर्ती बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने जालसाज पुलिसवालों  के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। बोर्ड की जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि पुलिस की नौकरी कर रहे इन जालसाजों ने पुलिस भर्ती परीक्षा में सॉल्वर के जरिये सफलता पाई थी। यानी वर्दी पहनने के लिए फर्जीवाड़े का जो खेल शुरू किया उसे अंजाम तक पहुंचाने में सफल रहे। पूरी तरह से फर्जीवाड़ा करके ही नौकरी में आए थे। 

उप्र पुलिस एवं भर्ती प्रोन्नति बोर्ड के पुलिस महानिरीक्षक विजय भूषण ने बताया कि गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर उच्चस्तरीय जांच कमेठी गठित की जाती है। यह लंबी प्रक्रिया है। इसके अंतर्गत अभ्यर्थी के दस्तावेज गहनता के साथ जांचे जाते हैं। दोषी पाए जाने पर अभ्यर्थी की सेवा समाप्त कर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है। जाहिर है कि पुलिस की नौकरी के लिए अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया के तमाम चरणों से गुजरना पड़ता है। 

फर्जीवाड़ा करके पुलिस की नौकरी पाने वालों की लंबी लिस्ट

दिनांक                         वर्ष                       जालसाजों का नाम                          दर्ज प्राथमिकी 

29 नवंबर                  2022                   विपिन कुमार और राजा                        हुसैनगंज
13 दिसम्बर                2022                   रितेश, अतुल यादव समेत 11 लोग         हुसैनगंज
22 दिसम्बर                2022                    अक्षय मालिक                                   हुसैनगंज
06 जनवरी                 2023                     शेखर ढाका                                     हुसैनगंज
10 अप्रैल                   2023                     उज्ज्वल                                           हुसैनगंज
27 मई                      2023                      रिंकू यादव और एक अन्य                  हुसैनगंज
07 जून                     2023                      संतोष यादव                                     हुसैनगंज
22 जून                      2023                      अमित कुमार और अमन                  हुसैनगंज
01 जुलाई                 2023                       साहिब सिंह और अन्य                       हुसैनगंज
20 जुलाई                 2023                         समित सिंह                                   हुसैनगंज
23 अगस्त                2023                        विक्रांत और राहुल रावत                  हुसैनगंज
25 अगस्त                2023                         सोनू                                           हुसैनगंज
25 अगस्त                2023                         लक्ष्मीकांत                                   हुसैनगंज
03 अक्टूबर              2023                         मनोज कुमार                               हुसैनगंज
06 अक्टूबर              2023                         कृष्ण कुमार गिरी                         हुसैनगंज
20 अक्टूबर              2023                         देवेंद्र सिंह                                   हुसैनगंज
27 जून                    2024                         रमेश यादव, प्रवेश यादव               हुसैनगंज
27 जून                    2024                         जयदीप और नीरज                       हुसैनगंज

युवाओं का अवसर छीन रहे जालसाज

भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और महानिरीक्षक पद से सेवानिवृत्त राजेश पांडे बताते हैं कि उप्र पुलिस सिपाही पदों पर भर्ती के लिए चयन में सबसे पहले अभ्यर्थी को लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। लिखित परीक्षा में पास होने पर फिजिकल टेस्ट भी पास करना पड़ता है। इन दोनों प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद अभ्यर्थी के दस्तावेजों की जांच होती है। तब कहीं परीक्षा में शामिल अभ्यर्थी को उप्र पुलिस भर्ती में चयनित होते हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस में भर्ती होने के लिए शहर के गली-मोहल्लों से लेकर गांव के गलियारों तक, युवा दिन-रात मेहनत करते हैं। वे यूपी पुलिस का हिस्सा बनने के लिए सपने बुनते हैं। मगर जालसाज उनके सपनों पर पानी फेर देते हैं। 

कई अभ्यार्थियों का खंगाला जा रहा ब्यौरा

उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड में पुलिसकर्मियों की शिकायतें आने का सिलसिला बना है। जिन लोगों ने गड़बड़ी करके पुलिस की नौकरी पाई है। उनकी जांच की मांग की जा रही है। कुछ शिकायतों पर जांच भी हुई और कई लोगों पर कार्रवाई भी। 

स्थानांतरित की जाती है प्राथमिकी

उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, जांच में दोषी पाए जाने वाले चयनित अभ्यर्थी की तत्काल सेवा समाप्त कर, उनके खिलाफ हुसैनगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जाती है। इसके बाद इस एफआईआर को अभ्यर्थी के गृह जनपद में ट्रांसफर कर दिया जाता है। एडीसीपी मध्य मनीषा सिंह ने बताया कि पुलिस भर्ती बोर्ड, यूपी पुलिस में चयनित हो चुके जालसाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है। जांच में गड़बड़ी मिलने पर संबंधित अभ्यर्थी के खिलाफ फौरन विभागीय कार्रवाई की जाती है।

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