लखनऊ: स्विट्जरलैंड की तर्ज पर बनेगी 'मनोरथा गौशाला', प्रवेश द्वार पर लगेगा कामधेनु का स्टैच्यू

नगर निगम उत्तरधौना में 10 हेक्टेयर में 27.5 करोड़ से गोशाला बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा

लखनऊ: स्विट्जरलैंड की तर्ज पर बनेगी 'मनोरथा गौशाला', प्रवेश द्वार पर लगेगा कामधेनु का स्टैच्यू

लखनऊ, अमृत विचार। गोवंशों के संरक्षण के लिए 'मनोरथा गौशाला' बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई। इसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। एक साल के भीतर इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस गौशाला को स्विट्जरलैंड की तर्ज पर बनाया जा रहा है। इसमें गोवंशों के लिए आधुनिक सुविधाएं होंगी। सफारी की तरह गोवंशों को खुला वातारण मिलेगा।अयोध्या रोड पर उत्तरधौना में 10 हजार गोवंशों की क्षमता वाली यह गौशाला लगभग 27.5 करोड़ की लागत से 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बनाई जाएगी। पशुओं के बेहतर इलाज के लिए अत्याधुनिक अस्पताल भी इस परिसर में होगा। पर्यटक यहां गायों की विभिन्न नस्ल एक साथ देख सकेंगे।

फीलिंग सेंटर में म्यूजियम और गैलरी रहेगी

गौशाला में फीलिंग सेंटर भी बनाया जाएगा। जिसमें म्यूजियम और गैलरी रहेगी। म्यूजियम में देशी और विदेशी नस्ल की गायों की फोटो के साथ पूरी जानकारी रहेगी। पर्यटक गाय की विभिन्न नस्ल के बारे में जानने के साथ गौशाला में मौजूद गायों को नजदीक से देख सकेंगे। यहां सौर मंडल के नौ खगोलीय पिंडों या ग्रहों का प्रतिनिधित्व करने वाली नवग्रह वाटिका विकसित की जाएगी, जिसमें उचित दिशाओं में नौ विशेष पौधे लागाए जाएंगे। 

प्रवेश द्वार पर लगेगा कामधेनु का स्टैच्यू

कामधेनु गाय का भारत में पौराणिक महत्व है। बताया जाता है कि इसकी उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई है। मान्यता है कि इसके दर्शन मात्र से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। गौशाला के प्रवेश द्वार पर कामधेनु का एक स्टैच्यू लगाया जाएगा। गोशाला में गोदान स्थल भी बनेगा, वहां लोग गोदान कर सकेंगे।

आत्मनिर्भर बनाने को लगेगा मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट

गौशाला को सौर ऊर्जा से रोशन करने के लिए सोलर पैनल लगाए जाएंगे। गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गाय के दूध से उत्पाद बनाकर बेचे जाएंगे। इसके लिए प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जाएगा। गाय के गोबर से बिजली उत्पादन के लिए बायोगैस प्लांट भी लगेगा। यहां काम करने वाले कर्मचारियों के लिए आवास और सस्ती दर पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए रसोई भी बनाई जाएगी।

गोशाला का प्रस्ताव शासन को भेजकर नगर निगम ने टेंडर निकाल दिया है। फर्म चयनित होने के बाद काम शुरू हो जाएगा। एक साल में गोशाला बनकर तैयार हो जाएगी...,महेश वर्मा, मुख्य अभियंता, नगर निगम।

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