कासगंज: पैरों के सैंडल लेने में मौत के आगोश में समा गई प्रियंका

सैंडल उठाने के चक्कर में भीड़ के पैरों तले दब गई सांसें

कासगंज: पैरों के सैंडल लेने में मौत के आगोश में समा गई प्रियंका

गंजडुंडवारा/कासगंज, अमृत विचार। मंगलवार को गांव बहोट की प्रियंका हंसी खुशी अपने माता पिता के साथ पहली बार सत्संग जाने को निकली थी, लेकिन उसे क्या पता था की पहली बार का सत्संग ही उसके लिए काल का कारण बन जाएगा। वह भीड़ के पैरों तले दबी रही। रोती, चीखती, चिल्लाती रही, लेकिन किसी ने भी उसकी चीख नहीं सुनी।

प्रियंका के पिता रामसेवक ने बताया कि सत्संग में पुरुष और महिलाओं के अलग अलग बैठने की व्यवस्था के कारण परिजनों के अलग थे। सत्संग समापन पर रेलवे स्टेशन पर आकर परिजन प्रियंका का इंतजार कर रहे थे कि अचानक सत्संग में भगदड़ की सूचना मिली। सत्संग स्थल पर पहुंचे पर पता चला बेटी प्रियंका हादसे का शिकार हो गई और उसको एटा चिकित्सालय भेज दिया है। वहां पहुंचने पर पता चला की बेटी काल के गाल में समा गई। 

प्रियंका के साथ गई गांव की बबिता ने बताया कि एक बार प्रियंका गिर गई तो लोगों ने बचा लिया, हम लोग आगे बढ़ रहे थे कि अचानक से उसकी पैर का सैंडल गीली मिट्टी में फंस गया। उसे उठाने के लिए जैसे ही झुकी कि पीछे से आ रही भीड़ उपर से निकल गई। हम लोग भी बिछड़ गए। थोड़ी देर बाद जानकारी हुई कि प्रियंका भी हादसे का शिकार हो गई। वहीं, शाम को गांव में शव पहुंचा तो माहौल गमगीन था। आसपास घरों के चूल्हे भी नहीं जले। मौके पर एसडीएम पटियाली कुलदीप सिंह और सीओ वीके राना पहुंच गए। उन्होंने हर संभव भरोसा दिलाया।

कादरगंज घाट पर अंतिम संस्कार
बुधवार को सुबह वारिश के साथ साथ परिजनों के नेत्र छलक रहे थे। गमगीन माहौल में बेटी को अंतिम विदाई देकर कादरगंज गंगा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।

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