कासगंज: 'नौकरी के दौरान दीवारों से सिर पटकने लगा था मेरा भाई', बोलीं भोले बाबा की बहन सोनकली 

पागलों की तरह करता था हरकत, बाद में आ गई थी शक्ति,  भोले बाबा के नाम से देश भर में बनाई पहचान 

कासगंज: 'नौकरी के दौरान दीवारों से सिर पटकने लगा था मेरा भाई', बोलीं भोले बाबा की बहन सोनकली 

कासगंज, अमृत विचार। मेरा भाई सूरजपाल सिंह पुलिस में नौकरी करता था, लेकिन नौकरी के दौरान ही वह पागलों जैसी हरकत करने लगा। उस पर कोई ऊपरी शक्ति चमत्कार दिखाने लगी और वह दीवारों में सिर पटकने लगा था। यह कहना है सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा की बहन सोनकली का। 
यहां गांव में जब अमृत विचार की टीम पहुंची तो सोनकली घर पर थीं। उन्होंने पूरा वाक्या सुनाया। 

उन्होंने कहा कि सूरजपाल उनसे छोटा है, लेकिन उन्हें न अपनी उम्र के बारे में पता है और न ही यह पता है कि सूरजपाल कितनी उम्र का है। वह बिना पढ़ी-लिखी अनपढ़ हैं। बहन ने कहा कि वह नौकरी के दौरान पागलों जैसी हरकत जरूर करने लगा। उसके बाद उसने नौकरी छोड़ दी और दैवीय शक्ति पाने में जुट गया। धीमे-धीमे वह ईश्वर की आराधना करने लगा और भोले बाबा बनने का लक्ष्य तय कर लिया। वह बहुत ज्यादा पढ़ी लिखी तो नहीं हैं, लेकिन इतना पता है कि उन्होंने अपनी आंखों से अपने भाई भोले बाबा के चमत्कार देखे हैं। उनकी उंगली पर चक्र घूमता देखा है।

ऐसा अपनी आंखों से देखकर अचंभित रह गईं। जब उनके पास कोई न कोई शक्ति है तभी तो देश भर के लोग बड़ी संख्या में उनकी पूजा करते हैं और मन्नत मांगते हैं। यदि कोई शक्ति नहीं होती तो लोग उन्हें क्यों पूजते। हाथरस वाली घटना को लेकर बहन ने कहा कि उन्हें कुछ पता नहीं यह सब कैसे हुआ है। उनका भाई काफी समय से गांव बहादुर नगर नहीं आया है।

बाबा की गैर हाजिरी में भी जहां लगती थी भीड़, वहां पसरा सन्नाटा 
भोले बाबा का मुख्य आश्रम उनके पैतृक गांव पटियाली के गांव बहादुर नगर में है। वहां हमेशा ही भीड़ लगी रहती है। भोले बाबा आश्रम पर हों तब तो भीड़ और भी ज्यादा बढ़ जाती है और वे आश्रम में न हों तब भी आश्रम पहुंचकर लोग पूजा अर्चना करते हैं। यहां भीड़ का नजारा रहता है। भोले बाबा की बहन का कहना है कि प्रतिदिन लोग यहां से धूल ले जाते हैं और यहां का पानी भी ले जाते हैं, जिससे उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, आश्रम में सदैव रौनक रहती थी। हाथरस की घटना के बाद अब वहां सन्नाटा छा गया है।

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