पीलीभीत: एक-एक कर ढह गई दो नालों की दीवार, अभी भी लापरवाह बने जिम्मेदार...नहीं हो रही कार्रवाई
पीलीभीत, अमृत विचार: शहर में जलभराव को रोकने के लिए नौ करोड़ से बनवाए जा रहे 22 नाले अब पालिका के लिए मुसीबत का सबब बन गए हैं। नाला निर्माण के दौरान बरती गई लापरवाही और कार्यदायी संस्थाओं के द्वारा निर्माण सामग्री के नियम को दरकिनार करते हुए घटिया सामग्री का प्रयोग करने की वजह से मानसून की दो बारिश में दो नाले धराशायी हो गए, लेकिन इसके बाद भी नगरपालिका की ओर से इन नाला निर्माण करने वाली संस्था के प्रति कोई एक्शन नहीं लिया गया।
आलम यह है कि ओवरब्रिज के पास गिर नाले में सिर्फ नोटिस की कार्रवाई की गई। जबकि दूसरे नाले को छिपाने का प्रयास करते हुए उसकी पुन: मरम्मत भी शुरु करा दी गई है। इधर, प्रशासन की ओर से की गई एक नाले की जांच में भी घटिया सामग्री लगने से नाला ढहने की बात की पुष्टि भी हुई है। इसके बाद भी नगरपालिका की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया जा सका है। इतना ही नहीं बिना टेक्नीकल जांच कराए ही नालों का रनिंग भुगतान भी करा दिया गया है।
नगरपालिका में अभी तक कुल 38 नालों से शहर के पानी का निकास होता था। मगर हर साल मानसून में शहर में बाढ़ जैसे हालात बन जाते थे। इसको लेकर नगरपालिका की ओर से नौ करोड़ रुपये की लागत से 22 नालों के निर्माण करने का निर्णय लिया था। पालिका का दावा था कि यह नाले गुणवत्ता परक तरीके से बनाए जाएंगे। जिससे शहर में जलभराव नहीं होगा। मगर मानसून की पहली बार बारिश में नगरपालिका का दावा धड़ाम हो गया।
गुरुवार को हुई पांच मिमी बारिश में ओवरब्रिज से डिग्री कॉलेज चौराहा की ओर से जाने वाला बुरी तरह से ढह गया। जिसकी कीमत 44 लाख रुपये बताई जा रही थी। मगर नाला ढहने के बाद भी कार्रवाई के नाम पर ठेकेदार को नोटिस जारी कर अपनी कार्रवाई को पूरा कर लिया गया। जिम्मेदारों ने यह भी जहमत नहीं उठाई कि मौके पर जाकर नाले में लगाई जा रही निर्माण सामग्री की जांच करें।
सोशल मीडिया पर मामला वायरल होने के बाद डीएम ने इसकी जांच कराई तो खुलासा हुआ कि नाले का जो मानक तय है, उसे पूरा नहीं किया गया था। नाले के बनाए गए एस्टीमेंट में 12 एमएम की सरिया और तीन एक के अनुपात में मसाला लगाने का प्रावाधान था। मगर कार्यदायी संस्था ने नाले के तैयार किए गए फाउडेंशन में तीन सूत की सरिया लगाने के साथ सरिया का जाल को दोनों ओर खड़े होकर लगाया था।
वहीं तीन के एक अनुपात की वजह से छह एक के अनुपात में मसाला लगाया जा रहा था। जिस वजह से यह नाला ढह गया। प्रशासन की फटकार के बाद अब कार्यदायी संस्था की ओर से ढह हुए हिस्से में 12 एमएम की सरिया का जाल लगाकर नाला तैयार कराया जा रहा है।जबकि नाले के अन्य हिस्से में 12 एमएम की सरिया नहीं लगाई गई है।
नगरपालिका की ओर से कार्यदायी संस्था की ओर से बनाए गए नाले के अन्य हिस्से की जांच करना तक मुनासिफ नहीं समझा है। बताते हैं कि ठेकेदार का रनिंग भुगतान कर दिया गया है। इसके बाद शनिवार को बारिश हुई तो डिग्री कॉलेज से छतरी चौराह की ओर कराए जा रहा नाला भी दिल्ली टायर वाली दुकान के बाहर दो जगह से ढह गया।
इस लापरवाही पर पहले तो जिम्मेदार पर्दा डालने का प्रयास करते रहे। मगर फोटो वायरल होने के कारण उनकी एक नहीं चल सकी, लेकिन पालिका की ओर से फिर भी कोई एक्शन नहीं लिया गया। इसमें तो नोटिस तक नहीं दिया गया। रविवार को कार्यदायी संस्था के ठेकेदार नाले की मरम्मत कराने में जुटे रहे। कई जगह से चटके हुए नाले के हिस्से पर मसाला लगाकर छिपाने में लगे रहे। नाला निर्माण का कार्य 60 फीसदी पूरा होने के बाद भी कोई भी टेक्नीकल मुआयना या मसाले की जांच नहीं कराई गई है।
ठेकेदार का तर्क- पक्की नहीं हो सकी थी नाले की दीवार
बीते गुरुवार को ओवब्रिज के पास नाला ढहने के मामले में जब भष्ट्राचार के आरोप लगे तो प्रशासन हरकत में आ गया। इस पर डीएम ने जांच बैठा दी। जिसकी भनक लगते ही पालिका ने अपनी साख बचाते हुए ठेकेदार को आनन फानन में नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा।
ठेकेदार की ओर से दिए गए जवाब में बताया गया कि वह डिग्री कॉलेज के पास नाले का निर्माण ताजा हुआ था। मसाला सेट नहीं हो सका था। इस दौरान तेज बारिश हो गई। ओवरब्रिज से आने वाले पानी का बहाव भी नाले की ओर था और अन्य कॉलोनी का भी पानी आ रहा था। इसलिए नाले के नीचे मिट्टी धंसन से नाले की दीवार गिर गई। जिस अब वह अपने खर्च पर बनाकर तैयार करेगा। नोटिस मिलने के बाद वहां पर काम शुरु कर दिया गया है।
नहीं बनाए गए नालों में बीपहोल
नाला निर्माण के दोरान बीपहोल बनाने का प्रावाधन है। मगर कार्यदायी संस्थाओं ने नाला निर्माण के दौरान बीप होल नहीं बनाए है। बीपहोल नाले की दीवार की साइडों में किए जाते हैँ। ताकि तेज बारिश के दौरान मिट्टी का कटान न हो सके और ओवर होने पर पानी आसानी से निकल सके। मगर साई धाम कॉलोनी, आवास विकास की ओर बनाए जा रहे नाले के अलावा कहीं भी बीप होल नहीं बनाए गए हैं। इसके अलावा कई अन्य जगह पर भी सरिया भी मानक के अनुरूप नहीं है।
बारिश के दौरान जो नाले ढह गए थे। उनमें एक ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया था। उसका जवाब भी मिल गया है। अब पालिका के स्तर से उसे दोबारा मानक के तहत निर्माण कराने के निर्देश दिए गए हैं। दूसरे नाले के मामले में भी कार्यदायी संस्था को नोटिस दिया जाएगा। समस्त निर्माणाधीन नालों का टेक्निकल मुआयना कराया जाएगा- इंद्रजीत, अवर अभियंता नगर पालिका
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