बाराबंकी: सावनी मेले में आस्था पर भारी पड़ेगी अफसरों की मनमानी

हाईट गेट लगाकर भूल गए नए पुल का निर्माण, 10 किमी लंबा मार्ग तय कर पहुंच रहे बाबा की स्थली

बाराबंकी: सावनी मेले में आस्था पर भारी पड़ेगी अफसरों की मनमानी

रामनगर/बाराबंकी, अमृत विचार। चौका घाट मरकामऊ मार्ग के मध्य स्थित कटका नाले पर बना पुल महीनों पहले जर्जर हो गया था। हादसों से छुटकारा पाने के लिए हाईट गेट लगाकर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी पुल का मरम्मत कार्य करवाना भूल गए। जिससे भारी वाहनों को आवागमन ठप है। जो एक महीने बाद होने वाले महादेवा धाम के सावनी मेले पर भारी पड़ सकता है।

ज्ञात हो कि चौकाघाट से मरकामऊ जाने वाले मार्ग पर कटका नाले बना पुल करीब दो माह पूर्व जर्जर हो गया था। विभाग के द्वारा भारी वाहनों का आवागमन रोकने के लिए चौकाघाट मोड़ के पास हाइट गेट लगा दिया गया। जिससे वाहनों का आवागमन का बंद हो गया लेकिन नया पुल बनाने की दिशा में कोई पहल नहीं हो रही है। जिससे भारी वाहनों का जाम रामनगर कस्बे में बना रहता है। 

सभी डंपर व भारी वाहन रामनगर बाजार होकर निकल रहे है। ऐसे में लोधेश्वर महादेवा के सावनी मेले में इस रास्ते से आने वाले भक्तो को भी कठिनाई उठानी पड़ेगी क्योंकि उन्हें भी 10 किमी. रामनगर घूम कर जाना पड़ेगा। इसके अलावा जिला प्रशासन के द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लखनऊ गोंडा से आने वाले वाहनों को चौकाघाट मोड़ से इसी मार्ग पर डायवर्ट कर दिया जाता है जो की बदोसरांय सफदरगंज होते हुए लखनऊ जाते हैं। 

इस जरूरी पुल के तात्कालिक निर्माण की जरूरत है। बीते दो महीने पहले कटका नाले के इस पुल की दीवारें क्रेक होने पर इसे भारी वाहनो के लिए बंद कर दिया गया था। अब रामनगर कस्बे के अंदर से डंपर, हायड्रा व अन्य भारी लोडेड वाहन निकल रहे हैं। जिससे दिन भर जाम लगा रहता और दुर्घटना की संभावना बनी रहती। 

इस पुल को देखने सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता व लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता तथा जिले के दोनों विभागों के अफसर आ चुके हैं। मगर जरुरी होने के बाद भी इसके निर्माण की दिशा में कोई प्रगति नहीं दिखाई दे रही है। यह पुल यदि जल्दी नहीं बना तो जरूरत के समय हाइवे पर डायवर्जन भी नहीं लागू किया जा सकेगा।

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