संभल: ऋण देने के नाम पर लाखों की ठगी, दफ्तर बंद कर भागी फाइनेंस कंपनी

संभल: ऋण देने के नाम पर लाखों की ठगी, दफ्तर बंद कर भागी फाइनेंस कंपनी

बहजोई, अमृत विचार: झारखंड की कंपनी ने समूह बनाकर ऋण देने का झांसा देकर पहले तो एजेंट बनाए फिर  इन एजेंटों के माध्यम से सैकड़ों लोगों से लाखों रुपए की ठगी कर ली। ऋण देने का नंबर आया तो कंपनी के लोग दफ्तर बंद करके फरार हो गए। जब लोगों को ठगी होने का एहसास हुआ तो उन्होंने डीएम दफ्तर पहुंचकर मामले की शिकायत की है। पुलिस पूरे मामले में जांच कर रही है।

झारखंड की एक कंपनी ने समूह के आधार पर ऋण देने का दावा कर रोडवेज बस स्टैंड के निकट चांदनी चौक मार्केट में अपना दफ्तर बनाया था। जहां पर कंपनी के कर्मचारियों के जरिए 2000 लेकर सदस्य बनाए। उन्हें रसीद भी दी और बताया गया कि उन्हें 50000 का ऋण एक महीने बाद दिया जाएगा। दो दर्जन से अधिक गांव के 3500 लोगों को कंपनी ने सदस्य बनाया और 10 जून को ऋण देने का वादा किया। 

10 जून को जब लोग ऋण लेने के लिए कंपनी के दफ्तर पहुंचे तो उस पर ताला लटका हुआ था। काफी देर इंतजार करने के बाद वह वापस लौट गए। लगातार दफ्तर के चक्कर काटते रहे। लेकिन दफ्तर नहीं खुला तो  लोगों को एहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हुई है।वह बुधवार को शिकायत करने कलेक्ट्रेट पहुंच गए। जहां उन्होंने डिप्टी कलेक्टर को शिकायती पत्र दिया और कार्रवाई की मांग उठाई। अपने रुपए भी वापस कराये जाने की बात कही।

100 से अधिक युवकों को कर्मचारी बनाकर लोगों को फंसाया अपने जाल में
बहजोई। झारखंड की कंपनी ने सबसे पहले लोकल स्तर पर गांव के रहने वाले 100 से अधिक लोगों को कर्मचारियों के रूप में जोड़ा और अलग-अलग स्थान पर 10 से अधिक लोगों ने लाखों रुपए कलेक्शन कर के ऋण देने के नाम पर कंपनी को रुपए लाकर दे दिये। सदस्यता शुल्क के रूप में 215 रुपए प्रति सदस्य जमा कराए गए थे। जबकि 2000 समूह में जमानत राशि के रूप में भी जमा कराए गए थे। कंपनी ने शिकार बनाया और ठगी कर कर फरार हो गए।

शिकायत के बाद पूरे मामले को लेकर जांच में जुटी पुलिस
इस पूरे मामले की सिकाई जैसे ही डीएम दफ्तर पर पहुंचकर डिप्टी कलेक्टर से की गई तो पूरे मामले को पुलिस को सौंप दिया गया। पुलिस इस पूरे मामले में अब जांच कर रही है। कि किस कंपनी ने क्या-क्या प्रलोभन देकर आम व्यक्ति को ठगने का काम किया।

पुलिस अब इस पूरी जानकारी में जुट गई है कि कौन लोग इस कंपनी के संचालन करता थे। किन लोगों ने कंपनी के नाम पर पूरे मामले में भोले भाले लोगों को ठगी का शिकार बनाकर उनके रुपए हड़पने का काम किया। कोतवाल सत्येंद्र पवार ने बताया कि पूरे मामले में जांच की जा रही है। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।

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