बदायूं: हत्या और कातिलाना हमले के दोषी को उम्रकैद, 30 हजार लगा जुर्माना

बदायूं,अमृत विचार। बीस साल पुराने हत्या और कातिलाना हमले के मामले में त्वरितकी अपर सत्र न्यायाधीश मिर्जा जीनत ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषी पर 30 हजार रुपये जुर्माना भी डाला है। मामले में दोषी तीन भाइयों को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार अनुसार कोतवाली सहसवान क्षेत्र के गांव सैफुल्लागंज निवासी सोनपाल ने थाना इस्लमानगर पुलिस को 20 जून 2004 को तहरीर देकर बताया था कि उसके भतीजे की दो शादियां हुई थीं। 11 जून 2004 को दो पत्नियों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था।
एक पत्नी सर्वेश नाराज होकर चली गई थी। 20 जून की शाम लगभग छह बजे गांव खंडुआ निवासी रामदास पुत्र नंद किशोर और उसके बेटे ताले, नरेश, विक्रम ट्रैक्टर लेकर आए। जैसे ही ट्रैक्टर घर के पास पहुंचा तो रामदास ने सोनपाल के भाई बेनी राम का नाम लेकर गाली दी।
बेनी राम उन्हें समझाने के लिए घर से बाहर आए तो रामदास और उसके बेटों ने जान से मारने की नीयत से बेनी राम पर फायर किए। बेनी राम जान बचाने के लिए दरवाजे की ओर दौड़े। नरेश ने उसके ऊपर ट्रैक्टर चढ़ा दिया। बेनीराम का मुंह और सिर कुचल गया। मौके पर उसकी मौत हो गई।
झगड़े का शोर सुनकर ग्रामीण एकत्र हो गए तो हमलावर फायरिंग करते हुए जंगल की ओर भाग गए। फायरिंग के दौरान सोनपाल का भतीजा हर नारायण भी गोली लगने से घायल हो गया था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके जांच की थी। आरोपी नरेश, विक्रम और ताले के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था।
जिसमें सभी आरोपियों को साल 2006 में सजा हो गई थी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी रामदास के खिलाफ जानलेवा हमला और हत्या के आरोप में आरोप पत्र दाखिल किया था। जिसके बाद से उसका मामला न्यायालय में विचाराधीन था। शुक्रवार को न्यायधीश ने उपरोक्त पत्रावली पर सभी साक्ष्यों का अवलोकन कर एडीजीसी ओम पाल कश्यप और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनकर आरोपी रामदास को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है।
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