काशीपुर: अमरूद के पेड़ सूखने पर काश्तकार हुए चिंतित, पंत विवि भेजा सैंपल

काशीपुर, अमृत विचार। तराई में इस साल अमरूद के पेड़ों में फैली एक बीमारी से फलदार पेड़ सूखने की कगार पर हैं। पेड़ों के सूखने के चलते उद्यान विभाग और काश्तकारों को हैरत में डाल दिया है। काश्तकारों के पेड़ों पर लगे कीड़ों के सैंपल के जीबी पंत विश्वविद्यालय भेजे हैं। जिस पर विवि के वैज्ञानिकों ने काश्तकारों को समय पर दवा का छिड़काव करने की सलाह दी है।
काशीपुर के 40 से अधिक एकड़ में अमरूद की पैदावार होती है। वहीं इस साल अधिक गर्मी के चलते ग्राम कुंडेश्वरी और लोहिया पुल क्षेत्र में अमरूद के पेड़ों पर एक बीमारी लगी है। जिसमें अमरूद के पेड़ सूखने लगे हैं। यह बीमारी अमरूद में जड़ से शुरू होकर पूरे पेड़ को सूखा दे रही है।
इस दौरान पेड़ों पर छोटे-छोटे कीड़े भी लगे हैं। जिसने काश्तकारों की चिंता बढ़ा दी है। काश्तकारों ने इन कीड़ों व सूखें पेड़ के सैंपल जीबी पंत विश्वविद्यालय जांच के लिए भेजे है। जिसके बाद वैज्ञानिकों ने उन्हे कुछ आवश्यक दवाओं का छिड़काव करने की सलाह दी है।
अब तक 18 एकड़ में लग चुकी है बीमारी
काशीपुर। काशीपुर के कुंडेश्वरी के किसान यस चौधरी ने बताया कि उनके अब तक 14 एकड़ के बगीचे में इस बीमारी से पेड़ सूख रहे हैं। वहीं लोहिया पुल लोहरा फार्म के किसान जगत सिंह ने बताया कि उनके अब तक चार एकड़ के बगीचे में इस बीमारी ने पेड़ों का सूखा दिया हैं। दोनों ने बताया कि वह वैज्ञानिकों द्वारा सुझाई दवा का छिड़काव कर अन्य पेड़ों पर इस बीमारी के लगने से बचाव में लगे है।
कोट –
पेड़ सूखने की बीमारी का पता लैब में जांच के बाद ही पता चल सकेगा। कभी-कभी रसायनों के अत्यधिक प्रयोग से भी पेड़ सूख जाते है। फिलहाल जांच के बाद ही किसानों को सही दवा के प्रयोग के लिए सलाह दी जा सकती है।
-जगदीश तिवारी, वरिष्ठ निरीक्षक, उद्यान विभाग काशीपुर