Fatehpur: नौतपा में सूर्यदेव ने उगली आग, कर्फ्यू जैसे बने हालात, 46 डिग्री पहुंचा तापमान, धूप और तपिश से पशु-पक्षी बेहाल

Fatehpur: नौतपा में सूर्यदेव ने उगली आग, कर्फ्यू जैसे बने हालात, 46 डिग्री पहुंचा तापमान, धूप और तपिश से पशु-पक्षी बेहाल

फतेहपुर, अमृत विचार। भीषण गर्मी और धूप की बढ़ती तपिश से जिला तप रहा है। जिला हीट वेव की चपेट में आ चुका है इसलिए बाजारों और सड़कों पर कर्फ्यू जैसा नजारा देखने को मिल रहा है। तापमान 46 डिग्री के आसपास पहुंच चुका है लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो रहे हैं। गुरुवार को भी भीषण गर्मी का सितम जारी रहा। 

सूर्यदेव की तपिश से मानों आसमान से आग बरसी हो। भीषण गर्मी ने जिले के लोगों को चपेट में ले रखा है। गर्मी से बचाव के साधन भी इस समय बेअसर साबित हो रहे हैं। सुबह से ही सूर्यदेव आंखे तरेर रहे हैं, सूर्यदेव की तेज के आगे इस समय हर कोई बेबस नजर आ रहा है। हालांकि बुधवार को शाम के समय मौसम में कुछ परिवर्तन देखने को मिला था और धूल भरी आंधी चलने से गर्मी से लोगों को कुछ राहत मिली थी। 

लोग उम्मीद लगाए थे कि अब मौसम ठीक रहेगा लेकिन सुबह दस बजते ही सूर्यदेव का प्रचंड रूप देखने को मिला और एक बार फिर से भीषण गर्मी और हीट वेव ने जिले को अपनी आगोश में ले लिया। भीषण गर्मी और धूप की तपिश के चलते लोग घरों से निकलने की हिम्मत नही जुटा सके। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक भीषण गर्मी का असर देखने को मिला। शहर के प्रमुख बाजार जिनमें सुबह से लेकर देर रात तक लोगों की भीड़ रहती थी उन बाजारों में कर्फ्यू जैसा नजारा देखने को मिला। 

दुकानदार भी दुकानों में एसी कूलर के सहारे बैठे दिखाई दिए। ग्रामीण बाजारों में भी सन्नाटा पसरा रहा। गर्मी अधिक होने के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है। काम काज मानो ठप हो गए हैं। मौसम जानकारों की माने अभी चार दिन तक राहत मिलती नही दिख रही है। दो जून के बाद मौसम में कुछ तब्दीली आएगी। डॉ. एके सचान ने बताया कि इस समय गर्मी से अपने आपको और बच्चों को बचाना बड़ी चुनौती है। बच्चों को धूप में निकलने न दिया जाए। सभी को अधिक से अधिक पानी पीते रहना चाहिए। बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें अगर घर से बाहर निकलना जरूरी है तो मुंह और सिर को अच्छी तरह से सूती कपड़े से ढककर ही निकलें।

पशु पक्षी भी हो रहे व्याकुल, छुट्टा गोवंश तड़पे 

भीषण गर्मी में इंसान ही नही पशु पक्षी भी व्याकुल हो रहे हैं। जिले के अधिकांश तालाबों में पानी नही है और जिले की बंबा नहर और नाले भी इस समय सूखे पड़े हैं। पशु पक्षी पानी को भटक रहे हैं। सबसे ज्यादा हालत खराब छुट्टा गौवंशों की हो रही है। सड़कों पर घूमने वाले गौवंश तो अब आश्रय की तलाश में है लेकिन उनको आश्रय देने वाला कोई नहीं है।

शहर के नलकूप हांफे, गांवों के हैंडपंप ने छोड़ रहे पानी

आग उगलती गर्मी का असर अब पेयजल आपूर्ति पर पड़ रहा है। शहर में जहां नलकूप लो वेल्टेज आदि समस्या से हाफ रहे हैं तो वही हैंडपंप पानी छोड़ रहे हैं। इससे पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है।

चिलचिलाती धूप ने रोके निर्माण आदि कार्य

चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी ने निर्माण से लेकर अन्य कार्यों को मानो रोककर रख दिया है। सुबह आठ बजते ही धरती तपने लगती है हालात यह हो रहे है कि खुले आसमान के नीचे खड़े होने की हिम्मत नहीं है। कारीगर से लेकर मे मिस्त्री और मजदूर काम करने की हिम्मत नही जुटा पा रहे है।

भीषण गर्मी में नही निकल रहे यात्री, लाखों का नुकसान

भीषण गर्मी के कारण यात्री नही निकल रहे है इससे रोडवेज को लाखो रुपए का नुकसान हो रहा है। धूप की तपिश से बसों की बाडी गर्म होकर लाल हो रही है बस से सफर करना अब दूभर हो रहा है इसके कारण यात्री रोडवेज बसों से सफर करने को लेकर दूरी बनाए हुए हैं। बस अड्डे पर इक्का-दुक्का यात्री दिखे।

मक्का के दाने पिचके, सब्जियां मुर्झाईं

भीषण गर्मी और धूप की तपिश ने फसलों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। इस समय खेतों में मक्का की फसल तैयार हो रही है। मक्का की फसल में भुट्टा आ रहा है लेकिन अधिक गर्मी और धूप की तपिश के कारण भुट्टे में आ रहे मक्का के दाने पिचक गए हैं। किसान बताते है कि लगातार सिंचाई के बाद भी मक्का के दानों पर गर्मी का असर पड़ रहा है। मक्का के दाने पिचकने से मक्का के उत्पादन पर असर पड़ेगा। 

सब्जियों की फसल नाजुक मानी जाती है अधिक गर्मी के कारण सब्जियों की फसल भी प्रभावित हो रही है। तोरई, भिंडी, टमाटर, घुईया, खीरा आदि सब्जियां मुरझा गई है। सब्जियों के मुरझा जाने का असर आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा। सब्जियों के दामों में कई गुना बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है। गंगा और यमुना इलाके में रेती पर भी भीषण गर्मी का असर पड़ रहा है। 

इस समय रेती में खरबूजा तरबूज और सब्जियों तैयार हो रही है। लेकिन भीषण गर्मी और धूप की तपिश में रेत गर्म हो रही है जिसके कारण तरबूज सब्जियां आदि झुलस कर खराब हो रही है। किसान बताते है इससे पहले उन्होंने ऐसी गर्मी खास तौर पर धूप में तेजी कभी नही देखी है कि पानी लगाते रहने के बाद भी धूप की तपिश को फसलें सहन नही कर पा रही है और झुलस कर खराब होती जा रही हैं।

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