पीलीभीत: 12 टीमें तलाशेंगी सुराग...जिले में कौन था आतंकियों का मददगार, किस-किस से है कनेक्शन
पीलीभीत, अमृत विचार। तीन दिन पहले पंजाब और पीलीभीत पुलिस की संयुक्त टीम से हुई मुठभेड़ के बाद ढेर हुए तीन खालिस्तानी आतंकवादी वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि, जसनप्रीत सिंह और गुरविंदर सिंह के लोकल कनेक्शन का पता लगाया जा रहा है। मुठभेड़ के दिन एक दिन पहले चोरी की गई बाइक पर तीनों आतंकी असलहों के साथ तड़के ही जा रहे थे। ऐसे में उनको मदद करने वाले और भी होंगे। इसका शक पुलिस को भी गहराया हुआ है। हालांकि इसके कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य पुलिस को भी मिले हैं। जिन पर काम शुरू भी कर दिया गया है। इसे लेकर अब सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। जिसके लिए एसपी ने 12 अलग-अलग टीमें गठित कर दी हैं।
जनपद में अस्सी और नब्बे के दशक में आतंकवाद चरम पर रह चुका है। इसके अलावा बीते कुछ समय में भी कई बार दूसरे प्रांत में हुई घटनाओं का कनेक्शन पूरनपुर सर्किल क्षेत्र से जुड़ता रहा है। जिसमें बाहरी पुलिस की टीमें दबिश देने आईं थीं और असलहों की बरामदगी के साथ ही कई गिरफ्तारियां भी हुई। 23 दिसंबर की सुबह पंजाब के गुरदासपुर की पुलिस चौकी बख्शीवाल में हैंडग्रेनेड से हमला करने के तीन खालिस्तानी आतंकी मुठभेड़ में मार गिराए गए थे। जिसके बाद से ही सवाल उठ रहे थे कि आखिर वह पीलीभीत ही क्यों आए। उनका कोई लोकन पनाहगार तो नहीं है। इसे लेकर अधिकारियों की ओर से भी अब जांच पड़ताल तेज कर दी गई है। एसपी ने 12 टीमों का गठन कर दिया है। इन टीमों में बताते हैं कि पीलीभीत पुलिस के अच्छे और होनहार इंस्पेक्टर दरोगाओं को चिन्हित कर टीम में शामिल किया गया है। जिनको मुठभेड़ में मारे गए तीन आतंकियों के लोकल नेटवर्क का पता लगाने की जिम्मेदारी दी गई है। इसकी कमान खुद एसपी अविनाश पांडेय संभालन रहे हैं। बुधवार को भी उन्होंने पूरनपुर में डेरा जमाए रखा और टीम के साथ कई जगह गए। जिसके बाद महत्वपूर्ण सुराग भी हाथ लगे हैं। यह टीमें गहनता से पड़ताल कर रही है।
फोर्स के साथ पैदल घूमे एसपी
पुलिसकर्मियों को मारे गए आतंकियों के फोटो भी दिए गए हैं, ताकि वह लोगों तक पहुंचने के बाद उनका फोटो दिखाकर जानकारी जुटा सकें। फोर्स के साथ एसपी पूरनपुर में पैदल घूमे। एक तरह से एसपी ने आतंकियों के लोकल नेटवर्क का पता लगाने के लिए पूरी रणनीति तैयार कर ली है। गठित की गई समस्त टीमों की कमांड एसपी संभालेंगे। अब तक प्राप्त सुरागों के आधार पर दस दिन में मामले की तह तक पहुंचने का दावा भी किया जा रहा है। स्थानीय लोगों से भी सहयोग का आग्रह किया गया है।