हल्द्वानी: दूसरे ही दिन फिर आ गए अतिक्रमणकारी, लगे ठेले, एंबुलेंस का जमावड़ा

हल्द्वानी, अमृत विचार। डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल के आसपास से नगर निगम ने सोमवार की शाम अभियान चलाकर पूरे इलाके को अतिक्रमणमुक्त कराकर एक लिखित पत्र अस्पताल प्रबंधन को सौंपा था। जिसमें कहा था कि अब अतिक्रमण होने पर जिम्मेदारी उनकी होगी। लेकिन दिन निकलने के साथ ही मंगलवार को अस्पताल के मुख्य गेट के समक्ष अतिक्रमणकारियों का डेरा लगना शुरू हो गया। शाम तक ठेले, खोमचे और एंबुलेंस का अवैध अड्डा फिर से सज गया। अब अस्पताल प्रशासन कह रहा है कि अतिक्रमणकारियों को चिन्हित कर पुलिस में रिपोर्ट कराएंगे।
राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के अधीन डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल कुमाऊं का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां कुमाऊं के अलावा उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों से लोग बड़ी संख्या में इलाज कराने आते हैं। अस्पताल में ओपीडी में प्रतिदिन 15 सौ से दो हजार मरीज आते हैं। इनके अलावा हर रोज चार से पांच हजार लोगों की आवाजाही होती है। दूरस्थ क्षेत्रों से बस या अन्य वाहनों के माध्यम से लोग अस्पताल पहुंचते हैं।
मरीजों व उनके तीमारदारों को अक्सर अस्पताल के आसपास व गेट पर जाम व अन्य कई दिक्कतों से जूझना पड़ता है। अस्पताल के मुख्य गेट के पास जूस, चाय के ठेले और खाना बनाने वाले खोमचे वाले कब्जा जमाए रहते हैं। गेट पर टेंपो, टुकटुक वाले खड़े रहते हैं, जिससे गेट पर भीड़भाड़ रहती है। कई बार तो एंबुलेंस को भी आने-जाने में दिक्कत होती है।
अस्पताल के मुख्य गेट के सामने एंबुलेंस का अड्डा बन गया है, जहां हर वक्त दर्जनभर एंबुलेंस खड़ी रहती हैं। अस्पताल में अंदर पार्किंग की क्षमता सीमित होने से तमाम वाहन हाईवे किनारे खड़े रहते हैं, जिससे उधर से गुजरने वाला ट्रैफिक बाधित होता है।
इधर, नगर निगम ने सोमवार को अभियान चलाकर अस्पताल के आसपास पूरे इलाके से अतिक्रमण हटाकर अस्पताल प्रशासन को लिखित में सौंप दिया था। कॉलेज प्रशासन को कहा गया कि अब अतिक्रमण हुआ तो इसकी जिम्मेदारी उनकी होगी। लेकिन, नगर निगम की इस कार्रवाई का अतिक्रमणकारियों पर कोई असर नहीं दिखा। अतिक्रमण हटाने के बाद रात बीती और मंगलवार सुबह से अतिक्रमणकारियों ने अपने ठिकाने संवारने शुरू कर दिए।
दोपहर तक अस्पताल के मुख्य गेट के पास तमाम फल, जूस ठेले व खाने के खोमचे लग गए थे। सामने एंबुलेंस की पार्किंग बन चुकी थी। गेट के पास पहले जैसी ही अराजकता हो गई। दिनभर टेंपो, टुकटुक जहां-तहां खड़े हो रहे थे। अस्पताल के सुरक्षा कर्मी इन ठेले और फड़ वालों को हटाने के लिए पहुंचे तो वे नहीं माने। सुरक्षा कर्मियों की अतिक्रमणकारियों से बहस भी हुई। जिसके बाद वह वापस लौट आए।
मैंने स्वयं देखा की अतिक्रमण फिर से शुरू हो गया है। कब्जेदारों को चिन्हित कर सूची तैयार की जा रही है। जिनके खिलाफ पुलिस में शिकायत कर मुकदमा दर्ज कराया जायेगा।
- डॉ. अरुण जोशी, प्राचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी
एक वर्ष पहले भी हटाया था अतिक्रमण
डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल के आसपास से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई दूसरी बार हुई है। करीब एक वर्ष पूर्व अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हुई थी। उस दौरान पुलिस प्रशासन व नगर निगम ने अभियान चलाकर अस्पताल के आसपास से फड़-ठेले वालों को हटाने के साथ ही एंबुलेंस संचालकों के अवैध कार्यालय को भी तोड़ दिया था। बताया जाता है कि एंबुलेंस चालकों के हौंसले इतने बुलंद हैं कि इन्होंने टीम के जाते ही रातों-रात फिर से अतिक्रमण कर अवैध तरीके से कार्यालय बना लिया। अस्पताल के मुख्य गेट के पास अवैध तरीके से एंबुलेंस स्टैंड बनाया गया है। आये दिन चालक सड़क पर एंबुलेंस को आड़े-तिरछी खड़ी कर देते हैं, जिसकी वजह से जाम की समस्या बनी रहती है।
अस्पताल की सुरक्षा नहीं हो पाती, अतिक्रमण कैसे रोकेंगे
नगर निगम ने डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल प्रशासन को जिम्मेदारी दी थी कि वह अस्पताल के आसपास लोगों को अतिक्रमण करने से रोके, मगर अस्पताल के अंदर सुरक्षा व्यवस्था ही चौपट है। आये दिन चोर-उचक्के वारदात करते रहते हैं। रोजाना नलों से टोंटी और तीमारदारों की जेब कटने की घटनाएं सामने आती हैं। अस्पताल परिसर में उपनल की ओर से सुरक्षा कर्मी तैनात किये गये हैं। जब कभी सुरक्षा कर्मी अतिक्रमणकारियों को हटाने जाते हैं तो वे उनसे भी उलझ जाते हैं।