मुरादाबाद : मुंबई क्राइम ब्रांच से राकेश मिश्र बोल रहा हूं...साइबर ठगी के नए तरीके से रहें सावधान

साइबर क्राइम - ठग बोला, आपके आधार नंबर से लिए गए सिम से हो रहा मनी लांड्रिंग का खेल.... हमदर्दी दिखाकर खाते में आरटीजीएस करा लिए रुपये, खाते में थे 8.49 लाख

मुरादाबाद : मुंबई क्राइम ब्रांच से राकेश मिश्र बोल रहा हूं...साइबर ठगी के नए तरीके से रहें सावधान

निर्मल पांडेय, अमृत विचार। साइबर ठग आपको धमकाकर ठगने के विभिन्न तरीके अपना सकते हैं...लिहाजा आप घबराएं नहीं...। पहली बात अपरिचित की कॉल पर हिसाब से बात करें...अपने और बैंक खाता के बारे में कोई जानकारी साझा न करें। अपरिचित नंबर का कॉलर कहीं सीबीआई ऑफीसर बोल रहा हूं या ईडी से बोल रहा हूं...पुलिस इंस्पेक्टर बोल रहा हूं...इस तरह से अपना परिचय देकर आपको धमक में लेकर साइबर ठग रुपये ठग ले रहे हैं। जी हां, इसी तरह एक मामला बुद्धि विहार विकास नगर की एक महिला के साथ हुआ है।

पीड़िता के नंबर पर कॉल करने वाले ने कहा, मैं...मुंबई क्राइम ब्रांच से ऑफीसर राकेश मिश्र बोल रहा हूं...आप फंड ट्रांसफर कर संदीप सोढ़ी से कमीशन ले रही हैं...संदीप सोढ़ी मुंबई जेल में निरुद्ध है। इस तरह धमक में आई महिला घबरा गई। उसने ये भी कहा कि आपके जिस खाते में रुपये जमा हैं, उसे खाते को तुरंत खाली करो और रुपये स्टेट ट्रेजरी में जमा करो। ठग ने अपने खाते पर महिला से कुल 8,49,000 रुपये ट्रांसफर करा लिए। जब ठगी का अहसास हुआ तब तक बहुत देर हो चुकी थी और उसका बैंक खाता भी खाली हो चुका था। खैर, निराश और बेबस पीड़िता साइबर क्राइम थाने पहुंची और आपबीती बताई, जहां उसके मामले में पुलिस ने अज्ञात ठग के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की है।

इस तरह हुई थी साइबर ठगी
रेखा शर्मा (परिवर्तित नाम) बिजली विभाग में वरिष्ठ कर्मी थीं। वह सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। बताती हैं कि कॉलर ने उनसे कहा कि आपके आधार नंबर से लिंक सिम अंधेरी ईस्ट मुंबई का है। इससे टैक्समैसेज किए जा रहे हैं। आप पर मनी लांड्रिंग का मामला है। बोला, जांच में पाया गया है कि आपके मोबाइल नंबर से लगातार रुपये ट्रांसफर हो रहे हैं। उसने ई-मेल आइडी देकर कहा कि कोई सूचना हो तो मेल कर सकती हैं। ठग ने रेखा को भरोसे में लेने को हमदर्दी दिखाते हुए कहा कि जिस खाते में रुपये हैं, उसे तुरंत खाली करो। अन्यथा मनी लांड्रिंग मामले में फंसेंगी। हम आपका पैसा स्टेट ट्रेजरी में ट्रांसफर कर देंगे। वहां सुरक्षित रहेगा। फिर रुपये ट्रांसफर करने का तरीका समझाने के लिए काॅलर ने अपने अन्य साथी से उनकी बात कराई। उस दूसरे व्यक्ति के समझाए गए तरीके से रेखा शर्मा ने दो बार आरटीजीएस कर कुल 8,49,000 रुपये उसके खाते में ट्रांसफर कर दिए।

ठगी का शिकार होने के बाद आई सीख
ठगी का शिकार होने के बाद रेखा शर्मा बताती हैं कि वह चुप नहीं बैठी हैं। दूसरा उनका कोई संपर्की घर-परिवार या रिश्तेदार भी साइबर ठगी का शिकार न हो जाए, इसके लिए वह लोगों को अलर्ट कर रही हैं। अपरिचित कॉल रिसीव करती हैं तो बड़ी सावधानीपूर्वक बात करती हैं। अब वह किसी कॉलर की धमक में नहीं आ सकतीं। वह कहती हैं कि गनीमत थी कि जिस खाते से उन्होंने ठग को आरटीजीएस से रुपये ट्रांसफर किए थे वह लोन वाला खाता था। लोन की किस्त अदा होती रहे, इसलिए उन्होंने उसमें थोड़े रुपये डाल रखे थे।


पहली बात अपरिचित कॉलर से बात कर रहे हैं तो दबाव में न आएं और उससे वित्तीय मामले में बात न करें। यदि कॉलर आपको धमकाने के साथ ही रुपये-पैसे की बात कर रहा है तो समझ लीजिए साइबर ठग है। फोन पर बात समाप्त होने के बाद पहले समझें, फिर कोई निर्णय लें। साइबर ठगी होने पर जितनी जल्दी हो साइबर क्राइम सेल या थाने पर सूचना दें। घटना को छिपाएं नहीं।- धर्मेंद्र सिंह, प्रभारी निरीक्षक-साइबर क्राइम थाना

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