Sambhal News : 400 करोड़ का हैंडीक्राफ्ट कारोबार, पर माल ढुलाई को रेल संसाधन नहीं 

रेल लाइन के अभाव में हैंडीक्राफ्ट माल ढुलाई पर खर्च हो रहा बड़ा बजट, हैंडीक्राफ्ट माल को दिल्ली तक पहुंचाने में आती है परेशानी

Sambhal News : 400 करोड़ का हैंडीक्राफ्ट कारोबार, पर माल ढुलाई को रेल संसाधन नहीं 

संभल,अमृत विचार। संभल से गजरौला तक रेल लाइन नहीं होने का असर देश और दुनिया में प्रसिद्ध सरायतरीन के हैंडीक्राफ्ट कारोबार पर भी पड़ रहा है। सड़क यातायात से माल ढुलाई में प्रत्येक वर्ष लाखों का बजट खर्च होता है तो समय पर माल पहुंचाने में भी तमाम दिक्कतें आती हैं। कारोबारियों का कहना है कि रेल लाइन का विस्तार होने से न सिर्फ माल ढुलाई पर खर्च कम आएगा बल्कि कारोबार की तरक्की करेगा।

सरायतरीन में हैंडीक्राफ्ट कारोबार देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में पहचान बनाए हुए हैं। यहां करीब 4 हजार कारोबारी हैं तो 25 हजार कारीगर हैंडीक्राफ्ट आइटमों को तैयार करते हैं। आंकड़े पर गौर किया जाए तो एक साल में तकरीबन 400 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। फिर भी हैंडीक्राफ्ट आइटमों को दिल्ली तक पहुंचाने में कारोबारी दिक्कतों से जूझ रहे हैं। चूंकि सिर्फ सड़क यातायात ही एक साधन है तो इसमें खर्च ज्यादा आने के साथ-साथ समय भी लगता है। तमाम कारोबारी ऐसे भी हैं तो विश्वास पर ही माल वाहनों में लाद देते हैं। इन कारोबारियों की धड़कनें तब तक बढ़ी रहती हैं जब तक कि निर्धारित स्थान पर दूसरे व्यक्ति के हाथों तक माल नहीं पहुंच जाता।

हालांकि हर बार चुनाव और केंद्र सरकार के बजट से पहले कारोबारियों को उम्मीद होती है कि संभल से गजरौला तक रेल लाइन का विस्तार होगा लेकिन बाद में यह टूट जाती है। इस बार लोकसभा चुनाव का माहौल होने के बीच कारोबारी संभल से गजरौला तक रेल लाइन की मांग उठा रहे हैं। अब देखना यह है कि क्या चुने जाने वाले सांसद से उम्मीद पूरी होती है या नहीं।

क्या बोले कारोबारी?
संभल से दिल्ली के लिए सीधे रेल साधन नहीं होने के कारण माल ढुलाई में ज्यादा खर्च आ रहा है। हैंडीक्राफ्ट के साथ ही कई कारोबार प्रभावित हो रहे हैं। अगर संभल से गजरौला तक रेल लाइन का विस्तार हो जाए तो बड़ी राहत मिलेगी। हैंडीक्राफ्ट कारोबार की तरक्की होगी। -कमल कौशल वार्ष्णेय

रेल लाइन की मांग काफी समय से उठ रही है लेकिन पूरी नहीं हो सकी। हैंडीक्राफ्ट आइटमों को दूसरे शहरों तक पहुंचाने में समय के साथ-साथ ज्यादा बोझ पड़ रहा है। संभल से गजरौला तक रेल लाइन होना बेहद जरूरी है। -ताहिर सलामी

अभी बसों से माल को दिल्ली और अन्य शहरों तक पहुंचाने का काम हो रहा है। खर्च भी ज्यादा आता है। अगर संभल से गजरौला तक रेल लाइन का विस्तार हो जाए तो और अच्छी बात है। जिससे राहत मिलेगी। -सुहेल परवेज

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