Amrit vichar ground report : कागजों तक सिमट कर रह गई अमृत सरोवर निर्माण की योजना

लाखों खर्च के बाद भी धरातल पर नहीं दिख रहा काम

Amrit vichar ground report : कागजों तक सिमट कर रह गई अमृत सरोवर निर्माण की योजना

देवा/ बाराबंकी, अमृत विचार। ग्राम पंचायतों में स्थित तालाबों का कायाकल्प कर ग्रामीणों को रोजगार देने के साथ-साथ तालाब को अमृत सरोवर के रूप में विकसित करने की सरकार के महत्वाकांक्षी योजना धरातल पर धराशाही होकर रह गई। इसमें लाखों रुपए खर्च हुए लेकिन तालाबों की दशा नहीं सुधरी। मिले लक्ष्य के अनुसार अमृत सरोवरों की संख्या कागजों  पर ही सिमट कर रह गई। भीषण गर्मी में अमृत सरोवरों के सूखे पडे़ रहने से पशु पक्षी प्यास के मारे व्याकुल दिख रहे हैं। जिस उद्​देश्य को लेकर इन अमृत सरोवरों का निर्माण कराया जा रहा वह भी पूरा होता नहीं दिख रहा। अमृत विचार ने जब इसकी जमीनी पड़ताल की तो चौकाने वाले नतीजे सामने दिखे, पढ़िए अमृत विचार रिपोर्टर दीप राज सिंह की रिपोर्ट--

विकास खंड देवा की 88 ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तालाबों के जीर्णोद्वार करने के लिए अमृत सरोवर का नाम देकर युद्धस्तर पर कार्य शुरु किया गया और लाखों रुपए खर्च हुए लेकिन नतीजा सिफर रहा। क्षेत्र के कुछ तालाबों को छोड़ दें तो अधिकांश अमृत सरोवर अधूरे पड़े हैं। क्षेत्र के रीवारतनपुर, तासपुर सहित अन्य गांवों में अभी तक काम भी शुरु नही हुआ है। वहीं क्षेत्र के अधिकांश तालाब सूखे पड़े है, सरोवर के किनारे न तो बैठने की उचित व्यवस्था है न ही छायादार पेड़ और न ही किनारे पटरियों पर इंटरलॉकिंग की गई है।

22 - 2024-04-23T135730.945

इस संबंध में बीडीओ देवा डॉ.नेहा शर्मा से पूछने पर उन्होंने इससे पल्ला झाड़ लिया। वहीं एपीओ मनरेगा परवीन जहां ने तो फोन ही काट दिया और स्विच ऑफ कर लिया। अब इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अमृत सरोवर को लेकर किस तरह पानी की तरह बहाए गए पैसों की बर्बादी हुई है और इसकी मॉनीटरिंग तक नहीं की जा रही है। सीडीओ अ.सुदन ने बताया कि जल्द ही इसकी समीक्षा की जाएगी। और सभी ब्लॉकों से रिपोर्ट ली जाएगी।

ये है जमीनी हकीकत 
-विकासखंड देवा क्षेत्र के मामापुर ग्राम पंचायत में डिढौरा तालाब के नाम से अमृत सरोवर तालाब की खुदाई की जा रही थी। कुछ दिनों तक तालाब में खुदाई का कार्य किया गया। उसके बाद यह काम बंद पड़ा है और तालाब की खुदाई अधूरी है।

-क्षेत्र के सलारपुर ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर तालाब की खुदाई की गई। तालाब की पटरी पर इंटरलॉकिंग लगाई गई, जिससे लोगों को टहलने की व्यवस्था हो सके। लोगों के बैठने की भी व्यवस्था के लिए बेंच बनाई गई लेकिन तालाब में पानी की बजाय केवल कीचड़ ही है।

-विकास खंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत पवैयबाद को मॉडल गांव के रुप में जाना जाता है लेकिन इस गांव में अमृत सरोवर तालाब की खुदाई अभी तक नहीं हो सकी। ग्राम पंचायत में ही एक भूखंड को चारों तरफ से मिट्टी की मेड़ बनाकर अमृत सरोवर तालाब का रुप देने की तैयारी है।

-कासिमगंज ग्राम पंचायत में वर्षों पूर्व बनाया गया अमृत सरोवर तालाब झाड़ियों से पटा पड़ा है। तालाब के परिसर में लोगों ने पुआल लगा रखा है यहां पर बैठने की लिए बनाई गई बेंच के किनारे होगी झाड़ियां विषैले जंतुओं की शरणगाह बनी हैं। 

23 - 2024-04-23T135841.529

-ग्राम पंचायत जसनवारा स्थित अमृत सरोवर तालाब में पानी भरा था लेकिन तालाब के किनारे ना तो इंटरलॉकिंग लगाई गई थी और बैठने के लिए बनाई गई बेंच मिट्टी से पटी हुई थी बाउंड्री के लिए बनाए गए पिलर टूटे हुए थे ऐसा लग रहा था जैसे वर्षों से किसी की नजर इस तालाब पर नहीं पड़ी।

ये भी पढ़ें -Exclusive: युद्ध से टूटा युवाओं के इजरायल जाने का सपना; सरकार की एडवाइजरी के बाद फ्लाइटें निरस्त, बुलावे का इंतजार