मुरादाबाद के बाबूराम यादव को राष्ट्रपति ने पद्मश्री अवॉर्ड से किया सम्मानित,1962 से कर रहे हैं पीतल पर नक्काशी

मुरादाबाद के बाबूराम यादव को राष्ट्रपति ने पद्मश्री अवॉर्ड से किया सम्मानित,1962 से कर रहे हैं पीतल पर नक्काशी

मुरादाबाद, अमृत विचार। पीतल नगरी के दस्तकारों की बेहतरीन नक्काशी की बदौलत पूरी दुनिया में मुरादाबाद का अलग रुतबा है। यहां के दस्तकार पीतल और अन्य धातु पर बेहतरीन नक्काशी उकेर उसे तराशते और सवारते हैं। जिसके बाद वह तैयार होकर विदेशों में निर्यात किए जाते हैं। 

इसी नक्काशी की बदौलत मुरादाबाद के शिल्प गुरु दिलशाद हुसैन को भारत सरकार ने साल 2023 में पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया था। जिसके बाद एक बार फिर मुरादाबाद के रहने वाले बाबूराम यादव के नाम का चयन पद्मश्री के लिए हुआ है। 

महानगर के नागफनी इलाके की तंग गलियों में रहने वाले 74 वर्षीय बाबूराम यादव को ये एहसास भी न था कि उनका चयन पद्मश्री के लिए हो जाएगा। बाबूराम यादव साल 1962 से पीतल के बर्तनों पर बेहतरीन नक्काशी कर उसे तराशते रहे हैं। बाबूराम यादव का पद्मश्री अवॉर्ड के लिए चयन मरोड़ी आर्ट की वजह से हुआ है। बाबूराम यादव के परिवार में तीन बेटे हैं, जिनकी शादियां हो चुकी हैं। 

परिवार में उनकी 70 वर्षीय पत्नी मुन्नी यादव, बड़ा बेटा अशोक यादव, चंद्र प्रकाश यादव और हरिओम यादव हैं। जबकि दो पौत्र हिमाशु और गौरव यादव, तीन पोत्री प्रिया, हिमानी और सुनाक्षी हैं। बाबूराम यादव के पद्मश्री अवॉर्ड का चयन होने के बाद से उनके घर में खुशी का माहौल है साथ ही लोगों की बधाईयों का सिलसिला लगातार जारी है। परिवार में सब लोग बेहद खुश हैं और एक दूसरे को मिठाइयां खिलाकर बधाई दे रहे हैं। 

बाबूराम यादव बताते हैं की शाम के समय उनके मोबाइल पर गृह मंत्रालय से कॉल आई और कहा कि आपके नाम का चयन पद्मश्री अवॉर्ड के लिए हुआ है। तब से घर में खुशी का माहौल है। बधाइयां देने वालों का तांता लगा हुआ है। बाबूराम यादव बताते हैं साल 1962 से उन्होंने पीतल पर नक्काशी का काम शुरू कर दिया था। पीतल और अन्य धातु पर पीतल पर नक्काशी का काम अपने गुरु अमर सिंह से सीखा था। जो आज तक करते आ रहे हैं।

शिल्पगुरु स्टेट, नेशनल अवार्ड से हो चुके हैं सम्मानित
बाबूराम यादव बताते हैं की सबसे पहले साल 1985 में उन्हें स्टेट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। जबकि साल 1992 में नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित होने के 22 साल बाद साल 2014 में शिल्पगुरु अवार्ड से सम्मानित किया गया जबकि इस साल 2024 में उन्हें राष्ट्रपति मुर्मू ने पद्मश्री अवॉर्ड से नवाजा है। बाबूराम यादव ने बताया कि आज पद्मश्री मिलने के बाद वो काफी खुश हैं। 

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