Kanpur News: हैलट अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में 40 लाख से बनेगा कार्निया बैंक...कॉलेज प्रशासन ने जगह की चिन्हित

कानपुर के हैलट अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में 40 लाख से बनेगा कार्निया बैंक

Kanpur News: हैलट अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में 40 लाख से बनेगा कार्निया बैंक...कॉलेज प्रशासन ने जगह की चिन्हित

कानपुर, अमृत विचार। जब किसी व्यक्ति को एक आंख से नहीं दिखता है तो उसे कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है। इसके साथ ही व्यक्ति को दोस्त, आसपास पड़ोस व रिश्तेदारों से कई प्रकार के ताने भी सुनने भी पड़ते हैं, तब उनको और खराब लगता है। तो आप सोचिए जिनकी दोनों आंखें नहीं होती है, उनको कितनी तकलीफों से गुजरना पड़ता है। ऐसे लोगों की जिंदगी में रोशनी आ सके, इसके लिए हैलट में कार्निया बैंक स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए कॉलेज प्रशासन ने जगह चिह्नित कर ली है। 

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हैलट अस्पताल के नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन औसतन सौ मरीज इलाज कराने पहुंचते है। इनमे कुछ ऐसे मरीज भी शामिल रहते है, जिनको एक आंख या दोनों आंख से दिखाई देने में दिक्कत होती है। ऐसे में मरीज डॉक्टरों से कई बार विनती करते हैं कि साहब कुछ भी करिए लेकिन आंखों से देखने के काबिल बना दीजिए।

लेकिन कार्निया की कमी की वजह से सभी मरीजों की आंख की रोशनी लौटा पाना डॉक्टरों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता है, क्योंकि अभी नेत्र रोग विभाग के आई बैंक में 50 कर्निया ही सुरक्षित रखने की व्यवस्था है। जबकि प्रतिमाह सौ या इससे अधिक मरीजों के आवेदन आते है। हैरत की बात ये है कि प्रतिमाह सिर्फ 20 से 25 कार्निया ही दान के माध्यम से आती है, जिनको लगभग चार दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। लेकिन कार्निया बैंक बनने से नेत्रहीनों को दिक्कत को सामना नहीं करना पड़ेगा। कार्निया बैंक बनने से यहां पर करीब चार सौ कार्निया सुरक्षित रखी जा सकतीं हैं।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कार्निया बैंक बनाने की जगह चिन्हित कर ली है। कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि हैलट में नेत्र रोग विभाग के पास खाली जमीन में 40 लाख रुपये से कार्निया बैंक का निर्माण कराया जाएगा। बैंक में आधुनिक टैम्प्रेचर कंट्रोल रेफ्रीजरेटर समेत कई मशीनें लगाई जाएंगी, जिससे कार्निया को कई दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। 

एक कार्निया से पांच लोगों का दूर होगा अंधकार 

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में नेत्र रोग विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. शालिनी मोहन के मुताबिक हैलट में अब लेयर बाय लेयर कार्निया प्रत्यारोपण शुरू किया जाएगा। नई एएलटीके मशीन की मदद से कार्निया प्रत्यारोपण सर्जरी में एक कार्निया को कई भाग में विभाजित किया जा सकता है। उसके बाद प्रभावित हिस्सों में उसे उपयोग कर अधिक रोगियों में कार्निया प्रत्यारोपण कर सकते है। नॉन कॉंटेक्ट टोनोमेट्री (एनसीटी) के जरिए बिना कार्निया को छूए आंख के प्रेशर की जांच संभव होगी, जिससे मरीजों को संक्रमण और असुविधा में बचाव होगा।

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