Unnao: वांछित फल पूरे करती है मां दुर्गा व गौरी-गणेश की मूर्ति, 40 साल पहले कोई रेलवे स्टेशन पर छोड़ गया था प्रतिमा

Unnao: वांछित फल पूरे करती है मां दुर्गा व गौरी-गणेश की मूर्ति, 40 साल पहले कोई रेलवे स्टेशन पर छोड़ गया था प्रतिमा

उन्नाव, अमृत विचार। सोनिक रेलवे स्टेशन परिसर स्थित मठिया में स्थापित मां दुर्गा, गौरी-गणेश व ऋद्धी-सिद्धी सहित अन्य देवियों वाली प्रतिमा के पूजन-अर्चन से भक्तों को वांछित फल प्राप्त होते हैं। करीब 40 साल पहले स्टेशन परिसर मिली इस मूर्ति को यहां कार्यरत तत्कालीन स्टेशन मास्टर वाईएन शुक्ला ने पीपल वृक्ष के नीचे रखवा दिया था, जहां बाद में एक दंडी स्वामी की प्रेरणा से ग्रामीणों ने मठिया का निर्माण करा दिया। नवरात्र के दिनों में सोनिक सहित आसपास अन्य गांवों के श्रद्धालु पूजा-अर्चना व हवन कराने पहुंचते रहते हैं।

बता दें, आमतौर पर देवी मूर्तियों में जहां एक ही आकृति उकेरी हुई दिखती है। वहीं देवी के वाहन के तौर पर एक ही सिंह या वृष देखने को मिलता है, लेकिन सोनिक रेल परिसर में स्थापित मूर्ति में न सिर्फ मां दुर्गा बनी है बल्कि अन्य आकृतियां भी बनी हैं। इन आकृतियों को गौरी-गणेश व ऋद्धी-सिद्धी सहित अन्य देवियों के रूप में पूजा जाता है। यही नहीं मूर्ति में देवी माता की मुख्य आकृति के पास दो सिंह की आकृतियां भी बनी हैं।

करीब 40 बरस पहले कोई इस प्रतिमा को स्टेशन परिसर में छोड़ गया था। माना जाता है कि किसी स्थान से चोरी कर ट्रैन से ले जाते समय पकड़े जाने के भय से कोई इसे यहां स्टेशन पर उतार गया था। रात में ट्रेन पास करा प्लेटफार्म चेक करते हुए स्टेशन पर कार्यरत पोर्टर श्रीकृष्ण की मूर्ति पर नजर पड़ी। 

जानकारी पाकर यहां तैनात एसएम ने मूर्ति पीपल वृक्ष के नीचे रखवा दी, जहां कहीं से आए दंडी स्वामी ने ग्रामीणों को प्रेरित कर मठिया का निर्माण करा दिया। पीपल वृक्ष के नीचे स्थापित होने से इसे ब्रह्मशक्ति दुर्गा मंदिर कहा जाने लगा। सोनिक सहित आसपास गांवों के देवी भक्त यहां हमेशा दर्शन-पूजन करने पहुंचते रहते हैं। हालांकि निर्माण कार्याें के चलते पिछले दिनों दोनों पीपल वृक्ष धाराशाई हो चुके हैं।

नवरात्र पर आते हैं बाहरी श्रद्धालु 

सोनिक निवासी सेवानिवृत्त रेलकर्मी एसके सिंह ने बताया पूरे नवरात्र क्षेत्रीय ग्रामीणों व बाहरी भक्तों की संख्या बढ़ जाती है। हालांकि आमदिनों में भी सोनिक व आसपास के भक्तगण पहुंचते रहते हैं।

27 फरवरी को होता है वार्षिकोत्सव

गांव के ही सर्वेश दीक्षित ने बताया प्रतिमा अभीष्ट फलदायी होने से आस्थावनों की संख्या बढ़ रही है। हर साल 27 फरवरी को यहां वार्षिकोत्स आयोजित होता है। अब डीआरएम आफिस के अधिकारी स्टेशन पर निर्माण कार्याें के चलते मंदिर शिफ्ट कराना चाहता हैं।  

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