अयोध्या: एक और साधु ने शुरू किया आमरण अनशन

अयोध्या: एक और साधु ने शुरू किया आमरण अनशन

अयोध्या, अमृत विचार। रामनगरी में सोमवार को हनुमानगढ़ी के एक और साधु ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। साधु की मांग है कि उत्तर प्रदेश में आए दिन हो रही साधु संतों की हत्या पर रोक लगाई जाए। प्रत्येक मामले में एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए। वहीं राजस्थान में पुजारी की हत्या को …

अयोध्या, अमृत विचार। रामनगरी में सोमवार को हनुमानगढ़ी के एक और साधु ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। साधु की मांग है कि उत्तर प्रदेश में आए दिन हो रही साधु संतों की हत्या पर रोक लगाई जाए। प्रत्येक मामले में एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए। वहीं राजस्थान में पुजारी की हत्या को लेकर हनुमानगढ़ी के ही साधु तथा देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए परमहंस दास का आमरण अनशन मंगलवार को भी जारी रहा।

राम नगरी में भारत देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने तथा देश में रह रहे मुसलमानों की नागरिकता समाप्त करने की मांग को लेकर 12 अक्टूबर से तपस्वी छावनी में तपस्वी छावनी के आचार्य परमहंस दास ने अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू किया है। जबकि राजस्थान में पुजारी की निर्मम हत्या मामले को लेकर हनुमानगढ़ी के साधु राजू दास 11 अक्टूबर से ही पौराणिक हनुमानगढ़ी में आमरण अनशन कर रहे हैं।

उनकी मांग है कि पुजारी के हत्यारों को अविलंब गिरफ्तार किया जाए। पीड़ित पुजारी के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा, परिवार को सुरक्षा तथा परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। दास पूर्व में भाजपा के आनुसंगिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं और वर्तमान में उनका झुकाव बजरंग दल और भाजपा के प्रति है।

उधर सोमवार को राम नगरी के संतों में आमरण अनशन को लेकर चल रही होड़ में हनुमानगढ़ी के ही एक और नागा साधु कूद पड़े। कांग्रेस पार्टी से जुड़े हनुमानगढ़ी के नागा साधु जय मंगल दास ने पौराणिक पीठ हनुमानगढ़ी में ही आमरण अनशन शुरू किया है। जय मंगल दास का कहना है कि प्रदेश की सत्ता गोरक्षनाथ पीठ के महंत और संत योगी आदित्यनाथ के हाथ है।

बावजूद इसके आए दिन पूरे प्रदेश में साधु संतों की हत्या हो रही है और साधु संतों पर हमले किए जा रहे हैं और प्रदेश सरकार इनकी सुरक्षा कर पाने में विफल है। उनकी मांग है कि सभी मामलों में पीड़ित परिवार को एक करोड़ रूपए का मुआवजा दिया जाए और पूरे प्रदेश में साधु संतों की सुरक्षा सुनिश्चित कराई जाए। जब तक ऐसा नहीं होता उनका आमरण अनशन जारी रहेगा।