तीन दिन की पैरोल के बाद चौथे दिन कासगंज जेल लौटा अब्बास, पिता की कब्र पर पहुंचा था फतिहा पढ़ने

तीन दिन की पैरोल के बाद चौथे दिन कासगंज जेल लौटा अब्बास, पिता की कब्र पर पहुंचा था फतिहा पढ़ने

कासगंज,  अमृत विचार: पत्नी निकहत बानो से अनाधिकृत रूप से चित्रकूट की जेल में मुलाकात करने के मामले में पिछले काफी समय से कासगंज की जेल में निरुद्ध अब्बास अंसारी खोया-खोया है। पिता मुख्तार अंसारी की मौत के बाद वह जनाजे में तो शामिल नहीं हुआ, लेकिन 10 अप्रैल को पिता की कब्र पर फतिहा पढ़ने पहुंचा और अब शनिवार को उसकी पैरोल खत्म हो गई तो वह जेल में आ गया है।

सुप्रीप कोर्ट की ओर से अब्बास अंसारी को 10 अप्रैल को फतिहा पढ़ने की इजाजत ली थी। 11 और 12 अप्रैल तक की पैरोल मिली थी और गाजीपुर की जेल में रखने के साथ ही परिजनों को मिलने की अनुमति भी दी। यहां परिजन निरंतर मिलते रहे। 13 अप्रैल को अब्बास अंसारी को कासगंज जेल में लाना सुनिश्चित था। ऐसे में शनिवार सुबह उसे गाजीपुर की जेल से कासगंज के लिए रवाना किया गया। 

शाम को वह कासगंज जिला जेल पहुंचा। कड़ी सुरक्षा के बीच उसे गाजीपुर से कासगंज लाया गया। यहां अब्बास अंसारी को लाने वाला वाहन सीधे जेल परिसर में पहुंचा। किसी से मुलाकात नहीं होने दी गई और उसे हाई सिक्योरिटी बैरक में भेज दिया गया। यहां उसकी कड़ी सुरक्षा की जा रही है।

परिजनों की आशंका के बाद बढ़ी चिंता
अब्बास अंसारी के भाई उमर अंसारी ने कासगंज जिला में अपने भाई की जान को खतरा बताया है। ऐसे में जिला प्रशासन की चिंता और बढ़ गई। जेल प्रशासन ने अब्बास अंसारी की सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए हैं। सीसीटीवी एवं बॉडीबॉर्न कैमरे से कड़ी निगरानी की जा रही है। सुरक्षा में कर्मचारी भी लगा दिए गए हैं।

अब्बास अंसारी गाजीपुर जेल से कासगंज आया है। वह पैरोल पर गाजीपुर भेजा गया था। पैरोल खत्म होने के बाद पुन: कासगंज जेल में उसे शिफ्ट कर लिया गया है---विजय विक्रम, जेल अधीक्षक।

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