प्रयागराज: क्लर्क ने नहीं लिया आरोप पत्र, संतकबीर नगर के जिला न्यायाधीश से रिपोर्ट तलब

प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीस पार्टी प्रत्याशी डॉ.अयूब की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मामले के विशिष्ट तथ्यों और जवाबी हलफनामे के माध्यम से राज्य द्वारा रिकॉर्ड पर लाई गई सामग्रियों को देखते हुए मामले में अंतिम आदेश पारित करने से पहले संतकबीर नगर के पुलिस अधीक्षक के शिकायती पत्र का निस्तारण हो जाना चाहिए।
दरअसल सरकारी अधिवक्ता द्वारा जवाबी हलफनामे में कोर्ट को बताया कि याची के मामले में जांच अधिकारी द्वारा आरोप पत्र प्रस्तुत करने के लिए हर संभव प्रयास करने के बाद भी संबंधित अदालत के क्लर्क ने आरोप पत्र लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने जिला न्यायाधीश, संत कबीर नगर को उचित दिशा निर्देश प्रदान करने के अनुरोध के साथ एक शिकायत पत्र भेजा। इस पर कोर्ट ने जिला न्यायाधीश से विशिष्ट रिपोर्ट तलब करते हुए पूछा कि जब कर्मचारी/ अधिकारी न्यायालय में पुलिस रिपोर्ट जमा करने जाते हैं तो संबंधित न्यायालय के क्लर्क रिपोर्ट क्यों नहीं स्वीकार करते हैं और इस संबंध में न्यायाधीश द्वारा क्या कार्रवाई की जा रही है। मामले की अगली सुनवाई आगामी 6 मई को सुनिश्चित की गई है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की पीठ के समक्ष हुई।
मामले के अनुसार वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान कोविड-19 तथा आदर्श आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन करते हुए खलीलाबाद विधानसभा क्षेत्र से पीस पार्टी का प्रत्याशी याची ने अपने सहयोगियों के साथ रोड शो किया। उक्त रोड शो के कारण याची सहित सभी सहयोगियों भीम आर्मी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद 'रावण' तथा 100-150 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ राम सुमिरन सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) द्वारा आईपीसी,आपदा प्रबंधन अधिनियम,2005 और महामारी अधिनियम, 1897 के तहत थाना दुधारा, संतकबीर नगर में 21 फरवरी 2022 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
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