जिंदगी से ऊबकर तीन ने चुनी मौत: कानपुर में नाैवीं का छात्र फंदे पर लटका, दरवाजा तोड़ते ही परिजन हुए बदहवास

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर, अमृत विचार। पनकी में नौवीं के छात्रा और युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। दोनों के आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चला, हालांकि पुलिस ने युवक के मोबाइल जांच के लिए कब्जे में लिया है। वहीं नौबस्ता में युवक ने कमरे में फांसी लगा ली। परिजन दरवाजा तोड़कर अंदर गए तो शव लटका देखा। 

शिवनगर स्थित डूडा कॉलोनी निवासी धर्मेंद्र कुमार पीआरडी जवान हैं। धर्मेंद्र की पहली पत्नी से एक बेटी मुस्कान है और दूसरी पत्नी सुमन से दो बेटे समीर व रत्नेश कुमार थे। 15 वर्षीय रत्नेश कुमार नौवीं कक्षा का छात्र था। धर्मेंद्र ने बताया कि शुक्रवार शाम रत्नेश अपने कमरे में था, तभी उसने पंखे के कुंडे से फांसी लगा ली। एक-दो घंटे बाद छोटा बेटा उसे बुलाने गया तो दरवाजा अंदर से बंद देखा। 

धक्का देने पर वह अंदर पहुंचा तो शव फंदे से लटका देखा। रत्नेश ने आत्महत्या क्यों की, उसका कारण स्पष्ट नहीं है। वहीं पनकी में ही गंगागंज रामगंगा इनक्लेव निवासी कमलेश शर्मा के 22 वर्षीय बेटे अंकित ने फांसी लगाकर जान दे दी। कमलेश ने बताया कि अंकित पहले आक्सीजन सिलेंडर फैक्ट्री में नौकरी करता था। इधर चार साल से बेरोजगार था। 

शुक्रवार रात वह काम पर थे, तभी गंगागंज निवासी बेटी रागिनी का फोन आया कि अंकित परेशान है। बहकी-बहकी बातें कर रहा है। आप तुरंत घर जाओ, उससे पहले किसी पड़ोसी को भेज दो। कमलेश के अनुसार उन्होंने पड़ोसी को भेजा, तब तक वह फंदे पर लटका गया था। दरवाजा तोड़कर शव निकाला गया। पुलिस ने अंकित का मोबाइल जांच के लिए अपने कब्जे में लिया है। 

इंस्टाग्राम पर वायरल की थी सूचना 

छात्र के पिता धर्मेंद्र ने बताया कि रत्नेश ने कुछ दिन पहले गलत संगत का शिकार हो गया था। देर रात तक इंस्टाग्राम, फेसबुक पर अपने दोस्तों के साथ चैट करता था। छह माह पहले जब इस बात के लिए उन्होंने रत्नेश को डांटा तो उसने इंस्टाग्राम पर आत्महत्या करने की बात लिखकर वायरल कर दी थी। जिसकी जानकारी उन्होंने पुलिस को भी दी थी।

नौबस्ता में युवक ने की खुदकुशी 

आवास विकास निवासी विजय सिंह का 28 वर्षीय बेटा अंकुर पेंटिंग का काम करता था। परिवार में उसकी पत्नी दिव्या और एक बेटा है। उसके बड़े भाई सतेंद्र ने बताया कि शुक्रवार को अंकुर काम पर नहीं गया था। रात में काम पर जाने से पहले उन्होंने अंकुर से बात की थी। इसके बाद उसने फांसी लगा ली। उसने ऐसा कदम क्यों उठाया इसकी जानकारी नहीं है। 

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