पीलीभीत: गोशाला में नहीं मिला हरा चारा, डीएम ने ग्राम प्रधान के अधिकार सीज करने के दिए निर्देश

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Published By Preeti Kohli
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पीलीभीत, अमृत विचार: गोवंश संरक्षण मुहिम के तहत संचालित गोशालाओं में आश्रित गोवंशीय पशुओं की देखभाल को लेकर लापरवाही लगातार उजागर हो रही है। अभिलेखों में व्यवस्थाएं चाक-चौबंद दिखाई जा रही हैं, जबकि जमीनी हकीकत इसके विपरीत है। हालात यह हैं कि गोवंश के चारे-पानी की समुचित व्यवस्था तक नहीं हो पा रही है। इसकी एक बानगी रविवार को फिर देखने को मिली।

पूरनपुर ब्लॉक के कजरी निरंजनपुर गांव स्थित गोशाला का औचक निरीक्षण करने पहुंचे जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह को वहां हरे चारे की कोई व्यवस्था नहीं मिली। इस पर उन्होंने कड़ा रुख अपनाते हुए ग्राम प्रधान के अधिकार सीज करने के निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान डीएम ने गोशाला परिसर का भ्रमण कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने निराश्रित गोवंश के लिए भूसा, पीने योग्य पानी, हरा चारा, साफ-सफाई आदि की स्थिति को परखा। गोशाला में 228 गोवंश संरक्षित पाए गए। डीएम ने उनकी देखरेख, ईयर टैगिंग और कृत्रिम गर्भाधान से संबंधित जानकारी भी ली।

जब हरे चारे की उपलब्धता को लेकर सवाल किया गया, तो जिम्मेदारों के पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं था। मौके पर हरा चारा पूरी तरह अनुपस्थित पाया गया। इस पर डीएम ने गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह गंभीर लापरवाही है।

उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि बीमार गोवंशों के इलाज में किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए। इसके साथ ही गोशाला की नियमित साफ-सफाई और पोषण की व्यवस्था को प्राथमिकता देने के निर्देश भी दिए। निरीक्षण के दौरान तहसील और ब्लॉक स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

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