लोकसभा चुनाव: दो दिग्गज नेताओं के बेटों में होगा महा-मुकाबला, किसके सिर होगा ताज 

लोकसभा चुनाव: दो दिग्गज नेताओं के बेटों में होगा महा-मुकाबला, किसके सिर होगा ताज 

प्रयागराज, अमृत विचार। लोकसभा चुनाव में प्रयागराज की सीट पर दो दिग्गज नेताओ का परिवार आमने-सामने है। एक तरफ स्व. केशरी नाथ त्रिपाठी तो दूसरी तरफ रेवती रमण सिंह के नाम को भुनाने की कोशिश की जाएगी। दोनों नेताओं में एक भाजपा के कद्दावर नेता तो दूसरे सपा के कद्दावर नेता होने के नाते कांटे की टक्कर होगी। दोनों परिवार के बेटों के बीच होने वाले इस महा मुकाबले में किसके सिर ताज होगा। फिलहाल अभी यह कह पाना मुश्किल है। 
 
प्रयागराज(इलाहाबाद) और फूलपुर की सीट पर टिकट को लेकर चल रही अटकलों को बुधवार पार्टी ने समाप्त कर दिया। भाजपा ने प्रयागराज सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। सपा और कांग्रेस के गठबंधन से इस सीट पर प्रत्याशी के रूप में सपा के कद्दावर नेता रेवती रमण सिंह के बेटे पूर्व विधायक उज्ज्वल रमण सिंह को उम्मीदवार बनाया है। वहीं प्रयागराज की सीट पर भाजपा ने दिग्गज और बड़े नेता राज्यपाल रहे स्व. पं. केसरी नाथ त्रिपाठी के बेटे हाईकोर्ट के अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है। 

राजनीतिक पृष्ठभूमि से मजबूत है दोनों परिवार
स्वर्गीय पंडित केसरी नाथ त्रिपाठी और रेवती रमण सिंह दोनों ही राजनितिक पृष्ठभूमि से मजबूत हैं। पंडित केसरी नाथ त्रिपाठी अशोक नगर के रहने वाले थे। भाजपा से विधान सभा अध्यक्ष, विधायक, विधायक होने के साथ ही पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रहे। जबकि रेवती रमण सिंह करछना के बरांव के रहने वाले है। सांसद होने के साथ राज्य सभा सांसद और मंत्री होने के साथ सपा मुखिया स्व. मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी है। भले बाद में अखिलेश यादव के मनमुटाव होने के बाद सपा से कुछ दूरियां बनी। लेकिन बाद में सपा और कांग्रेस के गठबंधन के बाद उज्ज्वल रमण ने कांग्रेस ज्वाइन कर लिया। यमुनापार में दोनों नेताओं का वर्चस्व रहा है। 

जातीय समीकरण में उतारा गया उम्मीदवार
प्रयागराज( इलाहाबाद) और फूलपुर दोनों सीटों पर जातीय समीकरण को देखते हुए उम्मीदवार को उतारा गया है। इलाहाबाद सीट से ब्राह्मण और फूलपुर सीट से पटेल प्रत्याशी को टिकट दिया गया है। टिकट की घोषणा होने के बाद अब चुनावी माहौल गरमा गया है। चुनाव भी लेकर अब प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंकना शुरु कर दिया है। 

भाजपा में कभी सक्रिय नहीं रहे नीरज त्रिपाठी
प्रयागराज से नीरज त्रिपाठी का नाम घोषित होने के बाद सभी दंग रह गए। दरअसल नीरज त्रिपाठी कभी राजनीति में नहीं रहे। भाजपा की राजनीति में उनका कभी नाम नहीं रहा। इसके साथ ही किसी अन्य दलों में भी उनका नाम नहीं था, ना ही सक्रियता दिखाई दी। भाजपा के किसी कार्यक्रम में भी वह कभी शामिल नहीं होते थे। यही कारण रहा कि टिकट को लेकर नीरज त्रिपाठी का नाम कहीं चर्चा में नहीं था। वह इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपर महाधिवक्ता है। अब सवाल यह उठता है कि नीरज पार्टी में ही नहीं रहे तो उन्हें टिकट कैसे मिल गया। दरअसल नीरज का टिकट मिलने का सबसे बड़ा कारण उनके पिता भाजपा के दिग्गज नेता रहे स्वर्गीय पंडित केसरी नाथ त्रिपाठी को बताया जा रहा है। 

विकास के साथ बंद पड़ी कंपनियों को शुरु कराने का दावा
नीरज त्रिपाठी ने अमृत विचार से खास बातचीत में बताया कि वह शुरू से ही भारतीय जनता पार्टी के साथ रहे हैं। अपने पिता के चुनाव में साथ-साथ रहा हूं। मुझे अपर महाधिवक्ता का पद मिलने के बाद जिम्मेदारियां बढ़ गई। जिसकी वजह से मैं पार्टी में सक्रिय नहीं हो सका। उन्होंने यह भी बताया कि अगर प्रयागराज की जनता मुझे सांसद चुनती है, तो मेरी पहली प्राथमिकता होगी कि मैं नैनी में बंद कंपनियों को दोबारा शुरू कर सकूं और नई कंपनियों को भी लाने का प्रयास करूं। जिससे बेरोजगारों को रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में मुझे यह अवसर मिला है। मेरा पूरा प्रयास होगा कि प्रयागराज में मैं विकास की गंगा बहा सकूं। उन्होंने एक बात और कहीं, कहा मेरे पिता जी से जुड़े हर व्यक्ति को मैं अपने साथ जोड़ने का प्रयास करूंगा।

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