Bareilly News: रूप अनेक...समाजसेवी की पहचान, कारोबार में IAS अफसरों का पैसा, राजनीति में भी पैर जमाने की कोशिश

Bareilly News: रूप अनेक...समाजसेवी की पहचान, कारोबार में IAS अफसरों का पैसा, राजनीति में भी पैर जमाने की कोशिश

बरेली, अमृत विचार। चुनावी माहौल में बिल्डर एवं ठेकेदार रमेश गंगवार पर आयकर छापे के साथ उनके कारोबार की परतें भी उधड़नी शुरू हो गईं। रमेश गंगवार की पहचान अब तक सिर्फ समाजसेवी नहीं बल्कि तमाम आईएएस और आईपीएस अफसरों से नजदीकी संबंधों की वजह से भी थी। 

इसके अलावा राजनेताओं से भी उनके संबंध भी चर्चा में रहे हैं। समाजसेवा के बड़े कार्यक्रम करने वाले रमेश गंगवार काफी समय से राजनीति में भी पैर जमाने की कोशिश कर रहे थे। पिछले विधानसभा चुनाव और अब लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने भाजपा से टिकट मांगा था।

रमेश गंगवार की गिनती प्रदेश के बड़े ठेकेदारों में होती है। कहा जाता है कि आईएएस अधिकारियों से नजदीकी संबंधों की वजह से यूपी से उत्तराखंड तक उन्हें सैकड़ों करोड़ के ठेके मिले हैं। उनके कारोबार में भी तमाम अधिकारियों का पैसा लगा हुआ है।

बरेली विकास प्राधिकरण में भी रमेश गंगवार को सबसे बड़ा ठेकेदार बताया जाता है। इस प्राधिकरण के कई बड़े प्रोजेक्ट अब भी रमेश गंगवार के पास हैं। उनके करीबियों के नाम भी बेशुमार प्लॉट बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि कुछ समय से आयकर विभाग उनके बारे में इनपुट जुटाने में लगा हुआ था। इसी के बाद बुधवार को उनके ठिकानों पर छापे मारे गए।

बरेली में रमेश गंगवार को बड़े सामाजिक कार्यों के लिए जाना जाता है। अब तक कई बार वह बड़े स्तर पर सामूहिक विवाह के कार्यक्रम करा चुके हैं। इनमें तमाम अफसरों के साथ जिले के तमाम राजनेता भी हिस्सा लेते रहे हैं। कुछ समय से रमेश गंगवार राजनीति में भी अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिशों में जुटे हुए थे। 

पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने नवाबगंज क्षेत्र से भाजपा के टिकट की मांग की थी लेकिन काफी कोशिश करने के बाद भी उन्हें टिकट नहीं मिल पाया। इसके बाद रमेश गंगवार ने पार्टी में अपनी सक्रियता भी कम कर दी थी। इस लोकसभा चुनाव में भी वह टिकट मांग रहे थे लेकिन उनके नाम पर विचार नहीं किया गया।

आयकर छापे के बाद अफसरों-नेताओं में बेचैनी
रमेश गंगवार के ठिकानों पर आयकर छापों के बाद उनके नजदीकी अफसरों और नेताओं में बेचैनी का माहौल है। बताया जा रहा है कि उनके कारोबार में दर्जन भर से ज्यादा अफसरों का पैसा लगा हुआ है, इनमें से कई तो प्रदेश के कुछ जिलों की कमान संभाले हुए हैं। सत्ताधारी पार्टी के भी कई नेताओं से उनके पारिवारिक संबंध हैं। माना जा रहा है कि छापे की कार्रवाई पूरी होने के बाद कई और अफसर और नेता आयकर विभाग के रडार पर आ सकते हैं।

कई विभागों ने फर्म को कर दिया है ब्लैकलिस्ट
समाजसेवी की पहचान रखने वाले रमेश गंगवार की फर्म सत्य साईं बिल्डर्स पर ठेकों में गड़बड़ियों के बेशुमार आरोप बताए जा रहे हैं। कुछ समय पहले उनकी फर्म को उत्तराखंड के मुख्य सचिव के साथ मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी और नगर निगम ने भी ब्लैक लिस्ट कर दिया था। बरेली विकास प्राधिकरण में नए उपाध्यक्ष के आने के बाद पिछले दिनों पहली बार प्राधिकरण ने भी रमेश गंगवार की फर्म पर पांच लाख का जुर्माना लगाया था।

कॉल डिटेल और बैंकिंग लेनदेन की भी होगी जांच
आयकर टीम को गांव दलेलनगर में रमेश गंगवार के आवास के मुख्य गेट का ताला बंद मिला। शहर से एक कारीगर बुलाकर टीम ने ताला खुलवाया और फिर घर में घुसकर दस्तावेजों की जांच शुरू की। 

बताया जा रहा है कि रमेश गंगवार की कॉल डिटेल और बैंकिंग लेनदेन की भी जांच हो सकती है। इससे रमेश के करीबी उन अफसरों के भी नाम सामने आ सकते हैं जो उनके कारोबार में साझीदार हैं। आयकर विभाग एक अधिकारी ने बताया कि रमेश गंगवार की प्रॉपर्टी के दस्तावेज और बैंकों के रिकार्ड खंगालने की तैयारी की जा चुकी है। बृहस्पतिवार को भी छानबीन जारी रहेगी।

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