अयोध्या: कई बार घोषणा के बाद भी समिति में 15 साल से ताला बंद, 7000 किसान परेशान 

अयोध्या: कई बार घोषणा के बाद भी समिति में 15 साल से ताला बंद, 7000 किसान परेशान 

हैदरगंज/अयोध्या, अमृत विचार। लोकसभा चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। जिसमें विभिन्न दलों के लोग किसानों के हित का राग अलाप रहे हैं। इसी बीच यहां 15 साल से ताला बंद सहकारी समिति एक बार फिर चर्चा में है। लगभग 15 वर्षों से तारुन ब्लाक अंतर्गत साधन सहकारी समिति जाना बाजार बंद पड़ी हुई है। जबकि इस दरमियान एक बार भाजपा व दो बार समाजवादी पार्टी के विधायक रहे हैं।

इस पर सत्ता समेत अन्य दलों के विधायक नेता कभी आवाज मुखर नहीं किये। कमलेश वर्मा, पवन वर्मा, पवन कुमार, कमला वर्मा, राजबहादुर वर्मा, रामचंद्र यादव, देवराज तिवारी, गंगाराम यादव, हरिश्चंद्र यादव आदि किसानों का कहना है कि एक समय जब समिति चलती थी तब यहां तीसरे दिन एक ट्रक खाद की खपत हो जाती थी।

समिति बंद होने से यहां के किसानों को बड़ी समस्या हो रही है। उन्होंने बताया स्थानीय दुकानदारों के यहां फसलों को औने पौने दाम पर बेचना मजबूरी हो गई है। जिससे उचित दाम भी नहीं मिल पा रहा है। वहीं खाद, बीज, दवा भी अधिक दामों पर खरीदना पड़ रहा है। किसानो की माने तो समिति को लेकर केवल कागजी घोड़ा दौड़ाया जा रहा है। देख रेख और रंग रोगन के अभाव में समिति की बिल्डिंग जर्जर और खंडहर में तब्दील होती जा रही।है। 

तारुन ब्लाक की सबसे बड़ी समिति है जाना 

ब्लॉक तारुन की सबसे बड़ी साधन सहकारी समिति जाना थी। इस समिति के बंद होने से पछियाना, जाना, खपराडीह, कटौना, हारीपुर ग्राम पंचायतों के लगभग 7000 किसान प्रभावित हैं। जिन्हें खाद, बीज, दवा इत्यादि खेती संबंधी सामान लेने के लिए 10 किमी दूर स्थिति सहकारी समिति चरावां जाना पड़ता है।

कोट - सही है समिति बंद है। क्योंकि लाइसेंस खत्म हो गया है। दूसरी समिति चरावां से अटैच कर दिया गया है। विभाग को अवगत करा दिया गया है, जैसे ही आदेश आता है समिति चालू करा दिया जाएगा।-अमित सिंह, ADO, सहकारिता

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