International Labour Day 2024: उन्नाव में आचार संहिता का दंश…बिल्डिंग मैटेरियल की आवक घटी, मजबूरन बेकार घूम रहे मजदूर

चिलचिलाती धूप में नंगे पांव पसीना बहाकर दो वक्त की रोटी कमाने को हैं मजबूर

International Labour Day 2024: उन्नाव में आचार संहिता का दंश…बिल्डिंग मैटेरियल की आवक घटी, मजबूरन बेकार घूम रहे मजदूर

उन्नाव, (अमन सक्सेना)। लोकसभा चुनाव के चलते इस समय आचार संहिता लागू है। इसका पालन कराने के साथ जगह-जगह वाहनों की चेकिंग हो रही है। ऐसे में मकान बनवाने वाले लोग अभी मकानों का निर्माण नहीं करा रहे हैं। क्योंकि निर्माण के लिये यदि वह 50 हजार से अधिक रकम ले जाते हैं तो उन्हें तमाम सवालों व समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसे देखते हुये अधिकांश कार्य बंद हैं। इसके चलते मजदूरों को लगातार काम नहीं मिल पा रहा है। जिससे उनके सामने परिवार पालना टेढ़ी खीर साबित हो गया है।

बता दें 1 मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है, पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष महंगाई दो गुनी हो गई है। जिससे भवन निर्माण कराने वाले गृहस्वामी निर्माण कराने में संकोच कर रहे हैं। इधर आचार संहिता चलने के कारण निर्माण सामग्री का कारोबार करने वाले कारोबारी भी नकद पैसा इधर से उधर नहीं ले जा पा रहा है।

जिससे आनलाइन ट्रांजेक्शन के माध्यम से निर्माण सामग्री मंगा रहे हैं। जिससे दुकानों में निर्माण सामग्री भी कम देखने को मिल रही है। मंगलवार को शुक्लागंज के फोरलेन स्थित सब्जी मंडी में लगने वाली मजदूर मंडी में चंपापुरवा, देवारा, पिंडोखा, सहजनी, गगनी खेड़ा, नेतुआ, मंशा खेड़ा, पीपरखेड़ा के अलावा नगर व ग्रामीण क्षेत्रों के मजदूरों से आपके अपने अमृत विचार ने जब बात की तो सभी ने एक सुर में कहा कि महंगाई के दौर में उन्हें बराबर काम नहीं मिल पा रहा है।

जिस कारण परिवार चलाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। अधिकांश मजदूरों ने बताया कि ठेकेदारों ने चुनाव के बाद बराबर काम देने की बात कह रहे हैं। ऐसे में अमानी पर जो फुटकार काम मिल रहा है, उसी के सहारे काम कर रहे हैं।

परिवार चलाना साबित हो रहा टेढ़ी खीर

मजदूर दिवस के बारे में जब मजूदरों से पूछा गया तो मजूदरों ने कहा कि हम का जानी मजदूर दिवस इतनी महंगाई हो गई है कि घर में बच्चों को पढ़ाने, परिवार का भरण पोषण तक नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में परिवार चलाना बहुत टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।

कुछ मजदूरों को मिला पेड वर्कर का काम

लोकसभा चुनाव को लेकर प्रचार प्रसार करने के लिये प्रत्याशियों ने गांवों में पेड वर्कर लगाये हैं। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश मजदूर पेड वर्कर का काम कर रहे हैं।

चिलचिलाती धूप में अंगौछे के सहारे मजदूर

गर्मी का पारा दिनों से दिन चढ़ता जा रहा है, ऐसे में मजदूरी करने वाले राजमिस्त्री, लेबर के अलावा सड़कों पर काम करने वाले मजदूर चिलचिलाती धूप में महज एक अंगौछे के सहारे काम करते देखे जा रहे हैं।

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