Labour Day 2024: मजदूर दिवस आज, जानिए क्या कहते हैं कर्मचारी 

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Published By Anjali Singh
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वीरेन्द्र पांडेय/लखनऊ,अमृत विचार। 1 मई का दिन पूरी दुनिया में मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन श्रम दिवस, कामगार दिवस, श्रमिक दिवस, may day आदि नाम से जाना जाता है। यह दिन मजदूरों के कर्तव्यों, अधिकारों, कामकाजी स्थिति और उनकी समस्याओं को समझने और सुधार करने से जुड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि इस दिन की शुरुआत साल 1986 में मजदूरों के कामकाजी घंटे को लेकर हुए आंदोलन के बाद हुई।

दरअसल, साल 1986 में शिकागो के हेमार्केट में एक दंगा होने की बात बताई जा रही है। जिसके पीछे का कारण मजदूरों से लगातार 15- 15 घंटे काम लिया जाना था, जिससे मजदूरों की जान जोखिम में थी। बताया जा रहा है कि लाखों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए थे और काम के घंटे को कम करने और सप्ताह में एक दिन की छुट्टी देने की बात पर अड़े हुए थे। सड़क पर उतरने से काम ठप हो गया था।

जिसके चलते मजदूर और पुलिस के बीच झड़प हुई थी, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी। उसी के बाद 1 मई 1889 को ही एक सभा हुई। जिसके बाद से इस दिन को मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। आइए जानते हैं कि आज के दिन कर्मचारी क्या कहते हैं। आज के अवसर पर सभी कर्मचारियों ने मजदूर दिवस की शुभकामनाएं दी हैं और अपनी राय भी साझा की है।

सरकारी से लेकर निजी क्षेत्र के श्रमिकों को घर चलाना हो रहा मुश्किल

केजीएमयू नर्सेज एसोसिएशन के संरक्षक प्रदीप गंगवार ने सभी श्रमिकों को मजदूर दिवस की शुभकामनाएं और बधाई दी है। उन्होंने कहा कि आज का यह दिन बहुत यादगार और शुभ दिन। उन्होंने बताया कि आज ही के दिन यह तय हुआ था कि एक श्रमिक को कितने घंटे की ड्यूटी करनी होगी।

 

 

इतना ही नहीं आज ही के दिन यह तय हुआ था कि श्रमिकों का साप्ताहिक अवकाश मिले। निजी और सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले सभी कर्मचारी श्रमिक हैं। मौजूदा दौर में श्रमिकों की स्थित अच्छी नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारी से लेकर निजी क्षेत्र तक के श्रमिकों को अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है। सबसे बुरी स्थित निजी क्षेत्र के श्रमिकों की है। असंगठित श्रमिकों की स्थिति और खराब है।

वहीं चिकित्सा संस्थानों में आउटसोर्सिंग पर काम करने वाले बहुत से श्रमिकों को तो दिन में 300 रूपये से भी कम मिलता है। जिससे इन श्रमिकों की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। ऐसे में जिम्मेदारों को इन श्रमिकों के बारे में भी सोचना होगा। इसके अलावा श्रमिक दिवस पर श्रमिकों को अपने अधिकारों के साथ कर्तव्यों को भी समझना जरूरी है। बिना कर्तव्यों निर्वहन के कोई भी संघर्ष पूरा नहीं होता और न ही अधिकार मिलता है। आज के दिन घरों पर काम करने वाले श्रमिकों को भी सम्मान दें

बाल मजदूरी पर लगे विराम

केजीएमयू कि फराह नाज ने मजदूर दिवस पर बाल मजदूरी की रोकथाम पर सभी को विचार और कार्य करने की बात कही है। उन्होंने कहा है बच्चों के भविष्य के लिए बाल मजदूरी ठीक नहीं है, जैसे भी हो इस पर रोक लगनी चाहिए।

अधिकारों और कर्तव्यों को समझने के लिए मनाया जाता है दिवस

केजीएमयू के बलराम श्रीवास्तव ने कहा कि 1 मई को पूरे भारत समेत दुनिया भर में मजदूर दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर हम श्रमिकों के संघर्ष को याद करते हैं। आज का दिन श्रमिकों को जागरूक करने के लिए भी मनाया जाता है। जिससे उनके अधिकारों की रक्षा हो सके, इसके अलावा वह अपने कर्तव्यों को भी समझ सके।

एकजुटता ही हमारी ताकत

केजीएमयू के सुरेश सिंह बताते हैं कि 1 मई यानी कि श्रमिक दिवस, सभी श्रमिकों के लिए एक पर्व की तरह है। आज का दिन हम सभी के लिए बहुत बड़ा दिन है। आज का दिन सभी कर्मचारियों और श्रमिकों को यह बताने के लिए होता है कि वह एकजुट रहें, एक दूसरे के प्रति संवेदनशील रहें, चाहे वह किसी भी संवर्ग के हो। क्योंकि एकजुटता में ही हमारी ताकत है।

हमें अपना काम पूरी ईमानदारी से करना चाहिए

 केजीएमयू की दीप्ति संखवार ने कहा कि आज 1 मई यानी श्रमिक दिवस है। इस अवसर पर मैं सभी कर्मचारियों को शुभकामनाएं देना चाहती हूं। इस अवसर पर मैं यह कहना चाहती हूं कि सभी लोग अपने कार्य को पूरी ईमानदारी से करते रहें। अपने अधिकारों को भी श्रमिकों को समझना चाहिए। साथ ही कर्तव्य के प्रति निष्ठा भी रखनी चाहिए।

 

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