Bareilly News: 5 हजार साल पुराने 'तांबे के हथियार' देख हैरत में पड़ जाएंगे आप, खुद में समेटे हैं इतिहास
प्रीति कोहली, बरेली। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति विभाग के पांचाल संग्रहालय में तमाम ऐतिहासिक और बड़ी ही रोचक वस्तुएं सुव्यवस्थित करके रखी गई हैं, जिनका अवलोकन करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
पांचाल संग्रहायल वैसे तो काफी कीमती वस्तुओं और ऐतिहासिक रहस्यों से भरा पड़ा है। जहां अगर कोई एक वस्तु को देख ले तो फिर पूरे संग्रहालय का अवलोकन किए बिना वापस नहीं लौटता। यहां पहुंचने वालों में आपको अधिकतर इतिहास प्रेमी देखने को मिल जाएंगे, जो दूर- दूर यहां आकर सालों पुरानी वस्तुओं के पुरावशेष से रूबरू होते हैं।
पांचाल संग्रहालय में रखा तांबास्त्र दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचता है, जो 4 से 5 हजार साल पुराना है, जोकि इस संग्रहालय की धरोहर है। इन तांबास्त्रों को लेकर कहा जाता है कि सालों पहले इनका शिकार के लिए इस्तेमाल किया जाता था। जिन्हें अब संग्रहालय में शोकेस में सजाकर रखा गया है।
वहीं इन तांबास्त्र के बारे में पांचाल संग्रहालय के रिसर्च एसोसिएट डॉ. हेमंत मनीषी शुक्ला बताते हैं कि संजय अग्रवाल जोकि सिक्कों में बड़ी ही दिलचस्पी रखते हैं और वह सिक्कों के अच्छे जानकार भी हैं। उन्होंने पांचाल संग्रहालय के लिए काफी धरोहरें दान की हैं। जिनमें से 4 से 5 हजार पुराने तांबास्त्र भी शामिल हैं। बता दें कि सबसे पुराना मेटल कॉपर तांबा को माना गया है।
वहीं इन पुराने और बड़े तांबास्त्र को देख कर हर कोई हैरत में पड़ जाता है कि उस समय युद्ध के लिए कैसे अस्त्रों-शस्त्रों का प्रयोग होता था। साथ ही प्राचीन काल में इन अस्त्रों का प्रयोग जानवरों के शिकार में होता रहा होगा।
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