अयोध्या में मुरारी बापू ने बताई प्रेरणादायक बात, बोले-राम सबके प्रिय हैं, इसलिए ईष्ट हैं

अयोध्या, अमृत विचार। तीर्थ क्षेत्र पुरम में चल रही रामकथा में प्रख्यात कथावाचक मुरारी बापू ने ‘ईष्ट’ की व्याख्या करते हुए कहा कि जो अधम से अधम को धन्य कर दे वह ईष्ट है। जो सबको प्रिय लगे वह ईष्ट है, जो सबको प्राप्त हो वह ईष्ट है। शबरी, केवट, निषादराज, बंदर, भालू सबके प्रिय राम हैं, इसलिए ईष्ट हैं।
उन्होंने कहा कि कई लोग तुलसी दास पर शोध करते हैं, लेकिन उन्हें तुलसी नहीं मिले, क्योंकि वे साहित्यिक दृष्टि से तुलसी को खोजते हैं। तुलसी तब मिलेंगे जब उन्हें आध्यात्मिक दृष्टि से खोजा जाएगा। उन्होंने युवाओं को जीवन का सूत्र बताते हुए कहा कि माता-पिता, आचार्य को प्रणाम करने से विद्या बढ़ती है, ऐश्वर्य बढ़ता है। रामकथा में प्रतिदिन तीन से चार हजार भक्त रामकथा का रसपान कर रहे हैं। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के भी कई वरिष्ठ पदाधिकारी कथा आयोजन में शामिल हुए।
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