हल्द्वानी: सन्नाटे में मलिक का बगीचा, बनभूलपुरा गुलजार
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हल्द्वानी, अमृत विचार। 'खुदा' सब पर रहमत बरसे, असली दोषियों को सजा मिले और पहले की तरह स्थिति सामान्य हो...ये अलफाज हैं बनभूलपुरा में रहने वाले 75 वर्षीय मोहम्मद सलीम के। हिंसा की घटना को बयां करते हुए सलीम अल्लाह से 'ऐसी घटना दोबारा न हो' यही दुआ मांगते दिखे।
करीब 20 दिन पहले यानि आठ फरवरी को मलिक का बगीचा में हिंसा और आगजनी की घटना हुई थी। जिससे लोगों में अभी भी डर का माहौल है। घटना बच्चों से लेकर बड़े और बूढ़े तक सभी के दिल व दिमाग में गहरी छाप छोड़ गई है। बुधवार को 'अमृत विचार' की टीम लाइन नंबर एक से 17 तक सभी गलियों से होकर मलिक का बगीचा पहुंची। जहां का नजारा हैरान करने वाला था। एक तरफ जहां पूरे बनभूलपुरा में हिंसा के बाद स्थिति धीरे-धीरे पटरी पर लौटती नजर आई। जबकि हिंसाग्रस्त मलिक का बगीचा में चारों तरफ सन्नाटा पसरा नजर आया।
गलियां सुनसान थी और दुकानों के शटर गिरे थे। कई घरों में ताला लगा था। बड़े-बूढे़ और महिलाएं घरों में कैद थीं। जरूरी काम पड़ने पर ही लोग घर से बाहर निकलते दिखे। जब टीम ने लोगों से बातचीत का प्रयास किया तो पहले तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। बाद में दबी जुबान से अपने दर्द को बयां किया। बताया कि वह घटना से बाद से अब तक डर के साये में जी रहे हैं।
सबकुछ बताया, मगर नाम बताने से किया परहेज
बनभूलपुरा और मलिक का बगीचा में रहने वाले लोगों ने हिंसा की घटना का दर्द बयां किया, लेकिन जब उनका नाम जानना चाहा तो चुप्पी साध ली। लोगों में घटना का इतना खौफ था कि उन्होंने नाम तक बताने से इंकार कर दिया। सभी ऊपर वाले से पहले की तरह स्थिति होने की दुआ मांगते दिखे।
दो सप्ताह बाद लगी बुध बाजार, रौनक कम
बनभूलपुरा लाइन नंबर 17 में करीब दो सप्ताह बाद बुधवार को बुध बाजार लगी। जिसमें पहले की तरह रौनक कम दिखी। लोग जरूरत के हिसाब से ही खरीदारी करते नजर आए। नाम न छापने में एक ठेले वाले ने बताया कि लोगों में अभी डर का माहौल है। धीरे-धीरे कामकाज पटरी पर लौट रहा है। स्थिति को ठीक होने में कम से कम छह माह का समय लग सकता है।