UP: यहां कहां से निकले...कदम-कदम पर जाम, सड़क पर पार्किंग, नर्सिंगहोम, अपार्टमेंट व शॉपिंग मॉल की मनमानी, आर्यनगर के लोगों का पढ़ें- दर्द
कानपुर के आर्यनगर क्षेत्र में चारों तरफ जाम का किला
कानपुर, अमृत विचार। प्रशासन जाम और अतिक्रमण से निपटने के लिए सारे जतन कर रहा है, लेकिन इससे लाभ कोई नहीं है। आर्यनगर चौराहा से किसी भी रोड पर निकलें, जाम में उलझना ही पड़ेगा। इन रोडों पर अतिक्रमण के साथ सड़क पर पार्किंग की प्रमुख समस्या है। लोग रोड पर ही अपने चार पहिया वाहन आड़े-तिरछे खड़े कर देते हैं। जाम के बीच हार्न का शोर दिमाग खराब कर देता है।
बेनाझाबर की तरफ से आर्यनगर जाने पर घुसते ही जाम मिलता है। इस रोड पर लगातार कई नर्सिंगहोम, मेडिकल स्टोर के कारण सड़क गली लगने लगती है। नर्सिंगहोमों की पार्किंग फुटपाथ पर है और कर्मचारियों व डाक्टरों के वाहन भी सड़क पर किनारे खड़े होते हैं।
नर्सिंगहोम में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है, अगर है तो दो-चार वाहनों के लिए। इस रोड पर आगे बढ़ेंगे तो कई अपार्टमेंट और शॉपिंग मॉल हैं। इनके बाहर भी दर्जनों चार और दो पहिया वाहन फुटपाथ से लेकर सड़क तक खड़े होते हैं।
शॉपिंग मॉल आने वाले खरीदार तो मनमर्जी वाहन खड़ा कर देते हैं। इस जाम से निकले तो आगे रेस्टोरेंट के अतिक्रमण पसीना छुटा देते हैं। लोगों ने बताया शाम होते ही शराब व बीयर की दुकानों के बाहर तो पूरी बारात जमा होती है। शाम को पांच बजे से शुरू होकर रात 10 बजे तक तो पूरा क्षेत्र वाहनों के हार्न से गूंजता रहता है। पांच मिनट का यह रास्ता पार करने में वाहन चालकों को 20 मिनट लग जाते हैं।
चौराहे के हर रोड पर जाम का चक्रव्यूह
आर्यनगर चौराहे से बेनाझाबर, कानपुर विद्या मंदिर, राजीव पेट्रोल पंप, बृजेंद्र स्वरूप पार्क किसी भी रोड पर जाएं, सड़क पर वाहनों की लंबी पार्किंग मिलना तय है। पीएनबी रोड पर बेकरी के बाहर तो हर समय आधा दर्जन से अधिक चार पहिया वाहन खड़े मिल जाएंगे। किसी भी रोड पर सड़क पर खड़े दो पहिया वाहनों की गिनती ही नहीं की जा सकती है। इन सबके बीच दुकानदारों का अतिक्रमण अलग से होता है।
सड़क पर ही फलमंडी
आर्यनगर चौराहे के एक कोने में तीन-चार फल की दुकानें लगती हैं। टट्टर लगी इन दुकानों का पूरा सामान सड़क पर ही रखा होता है। ठेला फुटपाथ पर खड़ा होता है। दूसरी तरफ भी कुछ ऐसा ही हाल है। यहां सब्जी की दुकानें लगती हैं।
गलियों में भी अतिक्रमण
चौराहा से बृजेंद्र स्वरूप पार्क को जाने वाली रोड पर वाहनों की पार्किंग के साथ दुकानदारों का अतिक्रमण रहता है। वहीं रोड तो दूर, गलियों में भी अतिक्रमण रहता है। रोड पर घुसते ही बाएं हाथ पर गली में एक गैस एजेंसी है। यहां गली में ही सिलेंडर वाहन और सिलेंडर रखे होते हैं। गली से लोगों का निकलना दूभर होता है।
नो पार्किंग बोर्ड बेमतलब
गैंजेस क्लब वाली रोड पर सड़क के दोनों तरफ चार पहिया वाहन खड़े होते हैं। ये तब है जब घरों, प्रतिष्ठानों और क्लब के बाहर नो पार्किंग को बोर्ड लगा है। उसके बाद भी इस रोड पर करीब 100 वाहन सड़क के किनारे खड़े मिल जाएंगे।
चौराहे पर ही चौकी, पर कोई डर नहीं
आर्यनगर चौराहे पर बेनाझाबर जाने वाली रोड पर एक कोने में चौकी है। यहां दिनभर दरोगा व सिपाही बैठे मिल जाएंगे। इसके बाद भी दुकानदार फुटपाथ और सड़क पर अतिक्रमण किए मिल जाएंगे। फल व सब्जी वाली दुकानें चौकी के ठीक सामने ही लगती हैं। रोड पर वाहनों की पार्किंग पुलिस के सामने होती हैं। किसी को पुलिस का कोई डर नहीं है। पुलिस इनको रोकने की हिम्मत भी नहीं जुटाती।