शाहजहांपुर: राज्य कर ने एआई सॉफ्टवेयर की मदद से 9000 लोगों की कर चोरी पकड़ी

शाहजहांपुर: राज्य कर ने एआई सॉफ्टवेयर की मदद से 9000 लोगों की कर चोरी पकड़ी

शाहजहांपुर, अमृत विचार: राज्य कर विभाग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर की मदद से जिले के 9000 लोगों की कर चोरी पकड़ी है। सभी को नोटिस जारी कर पैसा जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। इस कार्रवाई से लगभग दस करोड़ रुपये का टैक्स आने की उम्मीद है। हालांकि अभी तक आधे लोगों ने भी टैक्स जमा नहीं किया है। 

जीएसटी लागू होने से बाद राज्य कर विभाग कर चोरी रोकने के लिए प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में कुछ माह पहले राज्य स्तर पर आईआईआईटी प्रयागराज के सहयोग से एआई सॉफ्टवेयर बनाया गया। सॉफ्टवेयर के माध्यम से जिले के लाखों लोगों की ओर से जमा किए गए कर पर शोध किया गया।

आर्टिफिशियल होने के बाद इंटेलीजेंसी तकनीक आधारित इस साफ्टवेयर ने टैक्स चोरी पकड़कर वर्षवार एआई नोटिस निर्गत कर दिए। एआई सॉफ्टेवयर की जांच के दौरान पता चला कि एक व्यापारी की कुल बिक्री और प्रत्येक व्यक्ति को अलग-अलग की गई बिक्री में अंतर है।

व्यापारी की ओर से कुल दिखाई गई बिक्री के आंकड़े अलग और व्यक्तिगत बिक्री के आंकड़े अलग-अलग निकले। इसके बाद प्रत्येक व्यक्ति को बेचे गए सामान के आंकड़ों को सही माना गया और इसी आधार पर टैक्स जमा करने के लिए व्यापारी को नोटिस भेजा गया।

दूसरे मामलों में जीएसटी आर वन और जीएसटी आर थ्री में अंतर पाया गया। व्यापारियों की ओर से आईटीसी क्लेम और बिक्री का मिलान नहीं हो सका। व्यापारियों की ओर से ज्यादा आईटीसी क्लेम किया गया था। खुलासा होने पर सभी को नोटिस जारी किए गए हैं। अभी तक वित्तीय वर्ष 2017, 18 और 18-19 की ही जांच पूरी हुई है।

वित्तीय वर्ष 2019-20, 20-21, 21-22 और 22-23 की जांच होना बाकी है। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2023-24 की जांच होना भी शेष है। इन वर्षों की जांच में भी भारी संख्या में कर चोरी पकड़े जाने की उम्मीद है। फिलहाल 9000 व्यापारियों को नोटिस भेजे गए हैं, जिनमें से कुछ ने ही टैक्स का पैसा जमा किया है।

कर न जमा करने वालों की होगी आरसी
उपयुक्त प्रवेश तोमर ने बताया कि व्यापारियों को नोटिस भेज कर कर जमा करने को कहा गया है। इसके बाद भी अगर कोई कर नहीं जमा करता है तो आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। अंत में रिकवरी सर्टिफिकेट कलेक्ट्रेट को भेजा जाएगा और अमीन के माध्यम से कर की वसूली होगी। ऐसे में संबंधित व्यापारी की कुर्की भी हो सकती है।

आईटीसी गड़बड़ी के सबसे ज्यादा मामले
एआई की जांच के बाद राज्य कर विभाग के फील्ड अफसरों ने भी जांच की। इस जांच में भी एआई सॉफ्टवेयर की ओर से पकड़े गए ज्यादातर मामले सही निकले। राज्य कर अधिकारियों ने परीक्षण में सर्वाधिक मामले आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) की गड़बड़ी के सामने आए।

बड़ी संख्या में ऐसे व्यापारी भी सामने आए, जिन्होंने बिक्री दिखा दी, लेकिन टैक्स जमा नहीं किया। पड़ताल में अधिकारियों ने फर्जी तरीके से लिए गए आईटीसी का लाभ लेने वाले व्यापारियों को टैक्स जमा करने के निर्देश दिए।

आईटीसी का लाभ ले लिया पर टैक्स नहीं दिया 
जिले में सबसे ज्यादा गड़बड़ी मेंथा, लकड़ी और लोहा की खरीद बिक्री में सामने आई है। कई फर्मों ने आईटीसी लाभ ले लिया, लेकिन टैक्स जमा नहीं किया। लोहा, रेडीमॅड समेत ट्रेडिंग से जुड़े कारोबार में आईटीसी के साथ ही माल की बिक्री से वसूले गए टैक्स को जमा नहीं किया गया। इसी तरह के काम करने वालों को नोटिस जारी किए गए हैं। हालांकि अभी तक कुछ हजार व्यारियों ने ही टैक्स जमा किया है। शेष से टैक्स वसूली का प्रयास चल रहा है।

राज्य कर विभाग की ओर से व्यापारियों को एआई नोटिस जारी किए गए थे। परीक्षण के बाद सभी से जवाब मांगा गया। जिन मामलों में टैक्स चोरी की पुष्टि हुई, उनसे टैक्स जमा कराया जा रहा है---प्रवेश तोमर, उपायुक्त राज्य कर विभाग।

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