Board Exam : 45 मिनट की पढ़ाई से स्टूडेंट करेंगे टॉप, KGMU के डॉक्टर आदर्श त्रिपाठी ने बताया तरीका

लखनऊ, अमृत विचार। पूरे देश में जल्द ही बोर्ड एग्जाम होने वाले हैं। स्टूडेंट पर पढ़ाई का जबरदस्त दबाव है। बेहतरीन करियर और परीक्षा में अच्छे नंबर लाने के लिए स्टूडेंट तैयारियों में जुटे भी हैं, लेकिन कई बार कठिन परिश्रम के बाद भी अच्छे नंबर नहीं आ पाते हैं, ऐसे में लखनऊ के किग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) के मनोचिकित्सक प्रो. आदर्श त्रिपाठी का बताया तरीका स्टूडेंट की एकाग्रता बढ़ाने में काफी मददगार साबित हो सकता है। साथ ही जो भी स्टूडेंट पढ़ेंगे। वह उन्हें याद भी रहेगा।
प्रो. आदर्श त्रिपाठी ने बताया कि कोई भी कार्य करते समय दो बार हमारा पूरा फोकस कार्य पर ज्यादा होता है। पहला जब कार्य शुरू कर रहे होते हैं और दूसरा जब कार्य समाप्त कर रहे होते हैं। यही नियम पढ़ाई में भी लागू होता है। जब बच्चे पढ़ने बैठते हैं तो उनका फोकस पढ़ाई पर होता है, लेकिन बाद में धीरे-धीरे वह फोकस कम होता जाता है। ऐसे में स्टूडेंट को चाहिए की वह 45 मिनट की पढ़ाई करें और उसके बाद केवल 5 मिनट का ब्रेक लें। इस दौरान बॉडी को स्ट्रेच करें, खूली हवा में सांस ले। कुछ कदम टहल भी सकते हैं। पांच मिनट बाद फिर से पढ़ाई में जुट जायें। प्रो. आदर्श त्रिपाठी ने बताया कि पांच मिनट के ब्रेक के दौरान मोबाइल पर किसी से बात न करें, मोबाइल पर कोई रील न देखें। फोन पर बात करने और रील देखने से स्टूडेंट का मन भटकता है और उनकी एकाग्रता भंग हो सकती है।
नींद पूरी लें, व्यायाम भी जरूरी, शांत माहौल में रहें
प्रो. आदर्श त्रिपाठी ने बताया कि परीक्षा की तैयारी कर रहे स्टूडेंट पूरी नींद लें। इससे उनकी यादाश्त अच्छी होगी और जो उन्होंने पढ़ा होगा, वह याद रहेगा। इसके अलावा शारीरिक व्यायाम यानी फिजिकल एक्सरसाइज भी एकाग्रता को बढ़ाने में कारगर है। इसलिए एक्सरसाइज पर ध्यान देना भी जरूरी है। प्रो. आदर्श त्रिपाठी ने बताया कि जब परीक्षा की तैयारी कर रहे हों तो हमेशा शांत माहौल में रहें और माता- पिता इस बात का ध्यान रखें की बच्चों की एकाग्रता भंग न हो इसके लिए उन चीजों से बच्चों को दूर रखें।
किताबों से करें पढ़ाई, मोबाइल से बनायें दूरी
प्रो.आदर्श त्रिपाठी ने बताया कि मोबाइल बहुत ही जरूरी गैजेट है, जिसका इस्तेमाल बच्चे पढ़ाई के दौरान करते हैं। मोबाइल से बच्चों को पूरी तरह से अलग करना भी ठीक नहीं है। ऐसे में माता पिता इस बात का ध्यान रखें की रात आठ बजे से पहले ही बच्चे मोबाइल पर पढ़ाई से संबंधित जानकारी हासिल करें। रात 8 बजे के बाद किताबों से ही पढ़ाई करें, तो ज्यादा बेहतर होगा।
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