लखनऊ : सरकार के संरक्षण में खुलेआम तलवारें लहरा रहे हैं गुंडे और उपद्रवी तत्व : अखिलेश
.jpg)
लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन में राज्य में ‘‘अराजकता चरम पर होने’’ का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि ‘‘सरकार के संरक्षण में गुंडे और उपद्रवी तत्व सड़कों पर खुलेआम तलवारें और असलहे लहरा’’ रहे हैं। यादव का इशारा सपा के राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन द्वारा राणा सांगा को लेकर दिये गये एक बयान के विरोध में करणी सेना कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदर्शन करते हुए तलवारें लहराने की तरफ था।
सपा प्रमुख ने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में अराजकता चरम पर है। कानून-व्यवस्था ध्वस्त है। गुंडों और उपद्रवियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है। अपराधियों में पुलिस-प्रशासन और कानून का कोई डर नहीं है। सड़कों पर खुलेआम तलवारें और असलहे लहराये जा रहे हैं। गोली मारने की धमकियां दी जा रही है।पूरी सरकार और पुलिस प्रशासन ने आखिर चुप्पी क्यों साध रखी है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश में सड़कों पर पहली बार ऐसी अराजकता देखी जा रही है। आगरा से लेकर बनारस तक सत्ता के संरक्षण में अराजक तत्वों ने तांडव किया। सत्ता के दबाव में पुलिस बेबस है। पूरा पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग) परिवार देख रहा है कि सामंतवादी ताकतें सत्ता के संरक्षण में नंगा नाच कर रही है।’’ राणा सांगा की जयंती पर आगरा में ‘रक्त स्वाभिमान सम्मेलन’ नाम से आयोजित एक रैली में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने हाथों में तलवारें और डंडे लेकर प्रदर्शन किया था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
यादव ने वाराणसी में समाजवादी पार्टी के मुखर नेता हरीश मिश्रा पर हुए कथित हमले की भी निंदा की। मिश्रा को स्थानीय स्तर पर ‘‘बनारस वाले मिश्रा जी’’ के नाम से जाना जाता है। सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘वाराणसी में समाजवादी पार्टी के जुझारू और प्रखर वक्ता बनारस वाले मिश्रा जी के नाम से लोकप्रिय हरीश मिश्रा पर चाकू से किया गया कातिलाना हमला निंदनीय है। उनके रक्तरंजित वस्त्र ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था की निशानी हैं।’’ यादव ने कहा, ‘‘भाजपा सरकार कानून-व्यवस्था संभालने और अपराध रोकने में नाकाम हो चुकी है। प्रदेश में हत्या, लूट, बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। कानून-व्यवस्था और अपराध को कतई बर्दाश्त नहीं करने का भाजपा सरकार का दावा वास्तव में शून्य हो चुका है। प्रदेश में हो रही घटनाएं और पुलिस की कार्यप्रणाली को देखकर उच्चतम न्यायालय भी प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा चुका है।
'' पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार के इशारे पर पुलिस-प्रशासन अराजक तत्वों को बढ़ावा दे रहा है तथा गरीबों, शोषितों, वंचितों और पीडीए को हर तरह से प्रताड़ित और अपमानित कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘लखनऊ में बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा को हटाने का प्रशासन जो दुस्साहस कर रहा है, उसके पीछे शासन-प्रशासन का दबाव है। इसे पीडीए समाज अच्छी तरह से समझ रहा है। जातीय वर्चस्व का अंहकार कभी गोरखपुर में मूर्ति-चबूतरा हटाने का काम करवाता है तो कभी लखनऊ में अपने प्रभुत्व के दंभ को साबित करने के लिए महापुरुषों की मूर्ति हटाने का कुकृत्य कराता है।’
यह भी पढ़ें:- Sultanpur double murder: जमीनी विवाद में पिता-पुत्र की गोली मारकर हत्या,