रामपुर: आजम और अब्दुल्ला से जुड़ा ये मामला निकला फर्जी...सीसीटीवी कैमरों से खुला राज

रामपुर, अमृत विचार। सपा नेता आजम खां और अब्दुल्ला आजम के खिलाफ गवाही से रोकने का मामला पुलिस की जांच में फर्जी निकला है। इंस्पेक्टर पवन कुमार शर्मा ने बताया कि नदीम ने राजू शम्सी के खिलाफ तहरीर दी थी। जांच में मामला झूठा पाया गया। ऐसा उनके द्वारा नहीं किया गया। सीसीटीवी कैमरों को चेक किया गया था उस समय वह वहां पर मौजूद नहीं थे। पीड़ित ने मांग की है कि पुलिस को गुमराह करने का मुकदमा नदीम के खिलाफ लिखा जाए।
सपा नेता आजम खां और अब्दुल्ला आजम खां का नाम लेकर पीड़ित नदीम ने सभासद पर ग्रेनेड से उड़ाने की धमकी देते हुए गंज थाने में तहरीर दी थी। जिसके बाद मामले की जांच में मामला फर्जी पाया गया। गंज थाना क्षेत्र के आखूने खेलान निवासी नदीम ने गंज थाने में तहरीर देकर कहा था कि वह और उसकी मां ने वर्ष 2023 में शहर विधान सभा उपचुनाव के दौरान आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खां के विरुद्ध मतदान को प्रभावित करने के संबंध में गंज थाने में दो मामले दर्ज कराए थे।
इन मामलों में कोर्ट में सुनवाई हो रही है। जिसमें मां बेटों को समन प्राप्त हो चुके हैं। 8 अप्रैल को उन्हें कोर्ट में पेश होना था। आरोप था कि इस दौरान राजू शम्सी जोकि पूर्व प्रत्याशी आसिम राजा का रिश्तेदार है। 8 अप्रैल को पूर्वाह्न 11 बजे वह अपनी मां शहनाज बेगम के साथ बाइक से कोर्ट जा रहा था। रास्ते में राजू शम्सी तीन चार अज्ञात लोगों के साथ तमंचे लेकर आ गया था। जिसके बाद नदीम और उसकी माता के सिर पर तमंचे की नालों को रखते हुए कहा कि आजम और अब्दुल्ला के खिलाफ गवाही दी, तो पूरे घर को जान से मार देंगे।
राजू शम्सी ने अपने हाथ में लिए थैले से बम निकालकर कहा कि यह हैंड ग्रिनेंड है। तुझे व तेरे घर को बमों से उड़ा देंगे। पहले भी कई रिपोर्ट दर्ज करा चुका है। इस मामले में पीड़ित ने 11 अप्रैल को पुलिस को तहरीर दी। जिसके बाद एसपी के आदेश पर गंज इंस्पेक्टर पवन कुमार शर्मा ने मामले की जांच की। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी के सभासद एवं जिला सचिव आरिफ सिकन्दर उर्फ राजू शम्सी ने कहा कि नदीम ठेकेदार आजम खां का कोर सदस्य रह चुका है।
सपा सरकार जाने के बाद अपने आपको बचाने के लिए भाजपा में शामिल हो गया। यह कई मुकदमों में नामजद है। इसी से क्षुब्ध होकर नदीम ठेकेदार ने मेरे ऊपर झूठा बेबुनियाद आरोप लगाकर तहरीर दी थी। उन्होंने पुलिस के उच्च अधिकारियों से मांग की है कि मामले की गंभीरता से जांच की जाए और दोषी सिद्ध होने पर नदीम के खिलाफ पुलिस को गुमराह करने का मुकदमा लिखकर उसे जेल भेजा जाए।