बदायूं: लोकसभा चुनाव... बेटी पिता के या पिता बेटी के साथ, टिकट की घोषणा का बेसब्री से इंतजार

बदायूं: लोकसभा चुनाव... बेटी पिता के या पिता बेटी के साथ, टिकट की घोषणा का बेसब्री से इंतजार

बदायूं, अमृत विचार: लोकसभा चुनाव का बिगुल फुंक चुका है। जल्द ही आदर्श आचार संहिता लागू होगी और चुनाव की तिथियों की घोषणा कर दी जाएगी। बदायूं लोकसभा के लिए सपा ने पत्ता खोल दिया है। पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। वहीं सबसे बड़ा संकट भाजपा से वर्तमान सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य और उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के बीच है कि लोकसभा चुनाव में बेटी पिता या पिता बेटी के साथ जाएंगे। सभी को टिकट की घोषणा का बेसब्री से इंतजार है। 

दिग्गज नेता पूर्व कैबिनेट मंत्री, सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी डॉ. संघमित्रा भाजपा से बदायूं की वर्तमान सांसद हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने वर्ष 2022 में कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए थे। जिसे बड़ा सियासी झटका माना जा रहा था।  फिर उन्होंने कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से चुनाव लड़ा। 

चुनावी रैली के दौरान उनके काफिले पर हमला हुआ तो बेटी बदायूं सांसद भी वहां पहुंच गईं। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी पर हमला करने का आरोप लगाते हुए अपने सपा प्रत्याशी पिता को जिताने की अपील की थी। चुनाव में स्वामी प्रसाद मौर्य को भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र कुशवाह से हार का सामना करना पड़ा था। 

स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी बयानबाजी को लेकर लगातार चर्चा में रहते हैं। जगह-जगह विरोध भी होते हैं। पिता को जरूरत हुई थी तो बेटी फाजिलनगर पहुंचीं थीं। अब लोकसभा चुनाव का बिगुल फुंक गया है। सपा से धर्मेंद्र यादव चुनाव लड़ेंगे। जनसभाएं भी होंगी। जिनमें स्वामी प्रसाद मौर्य को बुलाया जा सकता है।

अगर भाजपा बदायूं लोकसभा सीट से डॉ. संघमित्रा मौर्य को टिकट देती है तो स्वामी प्रसाद मौर्य उनके खिलाफ सपा प्रत्याशी को जिताने का आह्वान करेंगे। ऐसे में पिता और बेटी के बीच धर्म संकट है। फिलहाल टिकट की चाह रखने वाले जनप्रतिनिधि लखनऊ में डेरा जमाए हैं।

स्वामी भाजपा या संघमित्रा सपा में?
स्वामी प्रसाद मौर्य सपा और डॉ. संघमित्रा भाजपा में हैं। अगर डॉ. संघमित्रा मौर्य का भाजपा से टिकट नहीं होता है तो वह हो सकता है सपा में चली जाएं या बेटी के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा ज्वाइन कर लें ? अभी सभी के पास सवाल हैं लेकिन जबाव किसी के पास नहीं। फिलहाल यह राजनीति है। पल-पल में बदलाव होते हैं।

बदायूं लोकसभा से उतर सकता है बड़ा चेहरा
भाजपा अक्सर नए चेहरे सामने लाकर चौका देती है। साल 2019 में लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इलाहाबाद निवासी डॉ. संघमित्रा मौर्य को उतारा था। जिन्होंने 18 हजार 454 वोट से सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव पर जीत हासिल की थी। बताया जा रहा है कि भाजपा प्रदेश स्तर के बड़े चेहरे को प्रत्याशी बना सकती है। जिनके समर्थन में प्रधानमंत्री की जनसभा हो सकती है।

आंवला लोकसभा सीट को लेकर कशमकश
आंवला लोकसभा में बदायूं की दो विधानसभा दातागंज और शेखूपुर शामिल हैं। इस लोकसभा में सपा 25 साल से हारती आई है। सपा जिताऊ प्रत्याशी की तलाश में है। पूर्व मंत्री व सपा के राष्ट्रीय सचिव आबिद रजा भी सपा से आंवला सीट से टिकट मांग रहे हैं। वह कूटनीति, राजनैतिक कुशलता में माहिर माने जाते हैं। उनकी छवि सेकुलर नेता के रूप में है। 

सपा के सम्मेलन में पांच बार के सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री व सपा के राष्ट्रीय महासचिव सलीम इकबाल शेरवानी ने उन्हें आंवला सीट से लड़वाने की वकालत की थी। कहा था कि वह कमेटी के समक्ष उनके नाम का प्रस्ताव रखेंगे। वह आंवला से प्रत्याशी हो सकते हैं। वहीं चर्चा है कि बदायूं लोकसभा सीट से टिकट न मिलने पर एक जनप्रतिनिधि सपा से आंवला सीट का दावेदार हो सकता है।

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