Lucknow University: जो संस्कृत और संस्कार से युक्त वही मनीषी: प्रो. मनोज

Lucknow University: जो संस्कृत और संस्कार से युक्त वही मनीषी: प्रो. मनोज

लखनऊ, अमृत विचार: महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेदविद्या प्रतिष्ठान उज्जैन, लखनऊ विश्वविद्यालय के संस्कृत और प्राकृत भाषा विभाग के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय सेमिनार का समापन हो गया। वैदिक संस्कार की उपयोगिता विषय पर सेमिनार में वक्ताओं ने विचार रखे।

मुख्य अतिथि प्रो मनोज कुमार मिश्र ने कहा कि जो संस्कृत और संस्कार से युक्त है वही मनीषी है। उन्होंने शब्द का संस्कार करने से ब्रह्म तत्व की व्याख्या पर प्रकाश डाला। पृथ्वी का संस्कार करने से जल तत्व बचेगा इसी प्रकार से सभी तत्वों का संस्कार करने पर सिर्फ़ ब्रह्म तत्व रह जाएगा। विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के पूर्व अध्यक्ष प्रो वाचस्पति मिश्र ने नव दुर्गा के माध्यम से स्त्री जीवन की समग्रता को प्रस्तुत किया।

अध्यक्षता कर रहीं विश्वविद्याय की प्रो संगीता साहू जी ने कहा स्वयं में सुधार करने से ही संस्कार उत्तम होंगे। उन्होंने कहा कि संस्कृत की अवधारणाएं बहुत मजबूत हैं। इसके माध्यम से मानव के जीवन में सुधार की अत्यधिक संभावना है। मुख्य वक्ता संस्कृत विभाग कुरुक्षेत्र हरियाणा के अध्यक्ष प्रो राजेश्वर मिश्र ने कहा भर्तहरि ने कहा था कि जब तक आप शब्द को नहीं जाना जाएगा तब तक ब्रह्म को नहीं जाना जा सकता है। प्राकृत भाषा विभाग के अध्यक्ष प्रो. डॉ अभिमन्यु,डॉ. रोशन सिंह, कुंजबिहारी पांडेय और आकाश मिश्र, प्रो. डॉ सत्यकेतु, डॉ. अशोक शतपथी, गौरव सिंह, डॉ. भुवनेशरी भारद्वाज, डॉ. शोभा राम दुबे, डॉ. अनिल कुमार पोरवाल, डॉ. विपिन पाण्डेय, डॉ. अनुज कुमार शुक्ल, डॉ. विष्णुकान्त शुक्ल, डॉ. प्रवीण बाजपेयी, कोमल सिंह, प्रियांशी तिवारी, वैशाली, नीरज, दुर्गेश, मंजू आदि उपस्थित रहे।

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