चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, मीरापुर से उतरी सुंबुल राणा

हरियाणा में कांग्रेस की हार के बाद हावी सपा ने मनमाफिक उम्मीदवार दिया

चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, मीरापुर से उतरी सुंबुल राणा

लखनऊ, अमृत विचार: सपा के टिकट पर मीरापुर सीट में उतारी गईं सुंबुल राणा पूर्व सांसद कादिर राणा की पुत्रवधू हैं और बसपा नेता एवं पूर्व सांसद मुनकाद अली की बेटी हैं। सुंबुल को टिकट मिलने से जहां कांग्रेस के इस सीट पर लड़ने की उम्मीद खत्म हो गई वहीं, उनके सहारनपुर से सांसद इमरान मसूद के लिए भी इसे झटका माना जा रहा है। बतौर पर्यवेक्षक इमरान ने इस सीट को कांग्रेस के लिए मजबूत बताया था।

दरअसल, कांग्रेस ने उपचुनाव के लिए पश्चिमी उप्र. की सीट मीरापुर का होमवर्क करते हुए दावा ठोका था। कांग्रेस ने इस दावे के साथ सहारनपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद को मीरापुर सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए पर्यवेक्षक बनाया। ऐसे में समाजवादी पार्टी के सामने नई परेशानी खड़ी हो गई थी, क्योंकि सपा इस सीट को कांग्रेस के खाते में नहीं देना चाहती थी। इतना ही नहीं, कांग्रेस सांसद ने दावा किया था कि इस सीट पर माहौल कांग्रेस के पक्ष में है और हम इस सीट पर रिकॉर्ड भी बना सकते हैं। इमरान मसूद ने पर्यवेक्षक के तौर पर उन्होंने ग्राउंड रिपोर्ट कर वो डाटा भी जुटा लिया था।

हालांकि, बाद में हरियाणा में कांग्रेस की पराजय के बाद सपा हावी हो गई। गुरुवार को सपा ने अपने टिकट पर सुंबुल राणा के मैदान में उतार कर कांग्रेस के दावे को अब खारिज भी कर दिया। सुंबुल का नाम घोषित करते हुए सपा ने एक बार फिर पीडीए का नारा एक्स पर लिखा है। भले ही सभी प्रत्याशी पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समाज से हैं लेकिन सात में से छह प्रत्याशियों के नामों से साफ है कि अखिलेश यादव को ज्यादा भरोसा परिवार पर ही है।

25 दावेदारों में मुस्लिम महिला को दी प्राथमिकता
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने लखनऊ में मीरापुर विधानसभा क्षेत्र से जुड़े बड़े नेताओं से लगभग तीन घंटे मंत्रणा की जिसके बाद सुंबुल राणा के नाम पर सहमति बनी। सपा सांसद हरेंद्र मलिक, पूर्व सांसद कादिर राणा, जिलाध्यक्ष जिया चौधरी एडवोकेट, वसी अंसारी एडवोकेट समेत अन्य नेता लखनऊ पहुंचे थे। टिकट के लिए 25 दावेदार थे। इनमें पूर्व सांसद कादिर राणा के बेटे शाह मोहम्मद का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा था। अखिलेश ने एक-एक कर 25 दावेदारों के नाम पर चर्चा की। हालांकि सूत्रों के मुताबिक, तय पूर्व में ही हो गया था कि मुस्लिम प्रत्याशी को चुनाव लड़ाया जाएगा।

फिलहाल नौ सीट के लिए होंगे चुनाव
उप्र. में वर्तमान में रिक्त दस में से नौ सीटों पर चुनाव होने जा रहा है। 18 अक्टूबर से नामांकन का दौर शुरू होगा। 13 नवंबर को मतदान और 23 नवंबर को मतगणना कराई जाएगी। चुनाव आयोग ने मंगलवार को यूपी की कटेहरी (अंबेडकर नगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर नगर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) में उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित किया था। अयोध्या की मिल्कीपुर का मामला हाईकोर्ट में लंबित होने के कारण अभी वहां चुनाव नहीं हो रहा है।

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