Kanpur: हैलट अस्पताल में निमार्णाधीन बर्न यूनिट को बजट की दरकार; धन के अभाव में निर्माण कार्य की गति हुई धीमी...

बजट के अभाव में हैलट अस्पताल में कई जांचें बंद हैं

Kanpur: हैलट अस्पताल में निमार्णाधीन बर्न यूनिट को बजट की दरकार; धन के अभाव में निर्माण कार्य की गति हुई धीमी...

उत्तर प्रदेश सरकार सोमवार को अपना बजट पेश करेगी। शहरवासियों को उम्मीद है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी बजट मिलेगा। अभी हैलट अस्पताल का बर्न वार्ड, 50 बेड का प्राइवेट वार्ड बजट के फेर में शुरू नहीं हो पा रहे हैं।

कानपुर, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश सरकार सोमवार को अपना बजट पेश करेगी। शहरवासियों को उम्मीद है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी बजट मिलेगा। अभी हैलट अस्पताल का बर्न वार्ड, 50 बेड का प्राइवेट वार्ड बजट के फेर में शुरू नहीं हो पा रहे हैं। इस बजट से उम्मीद है कि यह समस्या दूर होगी। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यहां पर 18 जिलों से आने वाले रोगियों को स्वास्थ्य सुविधाओं को लाभ मिल सकेगा। 

50 लाख की आबादी वाले कानपुर महानगर में जले लोगों के इलाज के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। सरकारी स्तर पर उर्सला अस्पताल के बर्न वार्ड में सिर्फ आठ बेड की सुविधा है। जबकि हैलट अस्पताल में निमार्णाधीन बर्न यूनिट को बजट की दरकार है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन के मुताबिक हैलट अस्पताल में इमरजेंसी के सामने बर्न यूनिट का निर्माण चल रहा है, जिसकी लागत करीब 6.75 करोड़ रुपये है। 

यूनिट में 26 बेड की सुविधा होगी, जिसे बनाने का जिम्मा सरकारी कंपनी सी एंड डीएस ने लिया है। लेकिन निर्माण कार्य गति नहीं पकड़ पा रहा है। इसके पीछे ठेकेदार समय पर बजट जारी न होने की बात कह रहे हैं। बर्न यूनिट के लिए शासन से करीब 53 लाख रुपये का बजट मिलना बाकी है। इसके अलावा यहां पर करीब तीन करोड़ रुपये के उपकरण भी लगने हैं। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि बर्न यूनिट निर्माण का कार्य ठेकेदार द्वारा धीमी गति से किया जा रहा है। उसकी शिकायत की जाएगी। 

50 नंबर प्राइवेट वार्ड 85 फीसदी ही बना 

हैलट अस्पताल में बना 50 नंबर प्राइवेट वार्ड करीब 17 सालों से बंद है। बीते वर्ष अस्पताल में प्राइवेट रूम की संख्या कम होने और मांग अधिक आने पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने 50 नंबर प्राइवेट वार्ड को दोबारा चालू करने का निर्णय लिया था। शासन से इन वार्डों के नवीनीकरण की मांग पर 16 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। कॉलेज प्रशासन के मुताबिक शासन से मिले रुपये से सभी 50 वार्डों व परिसर में नवीनीकरण का कार्य 80 फीसदी तक हो गया है। 

वर्तमान में कुछ बजट की कमी के कारण नवीनीकरण का काम धीमा हो गया है। यहां पर छह से सात मजदूरों से काम लिया जा रहा है। यहां पर 24 कमरे ऊपर और 24 कमरे नीचे हैं। एक बड़ा कमरा डॉक्टर और एक नर्सिंग स्टाफ के लिए है। हर वार्ड में एक कमरा, बरामदा, किचन, टॉयलेट और बाथरूम है। इसके साथ ही यहां पर एसी, पंखा व एलईडी की भी सुविधा उपलब्ध होगी। प्राचार्य ने बताया कि जुलाई माह में यह खुल सकता है। 

बजट के अभाव में बंद हैं कई जांचें 

हैलट अस्पताल में करीब एक साल से अधिक समय से एचबीए1सी (शुगर की जांच,जो तीन माह का अनुपात बताती है।), पीटीआईएनआर (खून में थक्का जमने की जांच), एपीटीटी (खून संबंधित जांच), टी3टी4टीएसएच (थायराइड),  एफ3एफ4एफएचएस (फ्री थायराइड), एलएच (महिलाओं में हार्मोन्स की जांच), विटामिन डी-3, जीजीपीटी (एल्कोहोलिक लिवर की जांच), गामा (शुगर संबंधित जांच) व लाइपेज एम आइलेज (पैनक्रियास मतलब पेट संबंधित जांच) आदि एक दर्जन जांच हैलट में करीब एक साल से बंद हैं। इसकी मुख्य वजह बजट का अभाव बताया जा रहा है। उम्मीद है कि बजट मिलने पर सभी जांचें दोबारा से चालू हो सकेंगी।

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